Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Alakh awakening for education by taking care of children
स्वास्थ्य

बच्चों की देखभाल कर उनमें शिक्षा की जगा रही अलख

बच्चों की देखभाल कर उनमें शिक्षा की जगा रही अलख • पचगछिया गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 44 की सेविका ममता की कहानी• बच्चों की देखभाल के साथ गांव के लोगों को कोरोना के प्रति भी कर रही जागरूक 

भागलपुर, 31 अगस्त

आंगनबाड़ी सेविका का काम पहले से ही चुनौतीपूर्ण है. छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल करना और उनमें शिक्षा की अलख जगाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन इस काम को बहुत जिम्मेदारी से कर रही है गोपालपुर प्रखंड के पचगछिया गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 44 की सेविका ममता कुमारी. कोरोना काल में उनकी चुनौती और भी बढ़ गई है. जागरूकता की दोहरी जिम्मेदारी कर रही पूरी:  कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सेविका ममता कुमारी को घर- घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी भी मिली है. सेविका ममता कुमारी सुबह से ही अपने काम में जुट जाती हैं. वह घर- घर जाकर गांव के लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करती हैं. कोरोना से बचाव के लिए लोगों को मास्क पहनने और घरों से कम निकलने की सलाह देती हैं. लोगों को समझाती हैं कि बाहर से घर आने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें. वह कहती है लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने एवं बाजार या सब्जी मंडी में एक- दूसरे से दूरी बनाकर रहने की सलाह देती हैं.  जागरूकता का दिख रहा है असर: सेविका ममता कुमारी कहती हैं कि जागरूकता का गांव के लोगों में असर पड़ रहा है. बाहर निकलते वक्त लोग भीड़ लगाने से बच रहे हैं. लोगों ने मास्क पहनना शुरू कर दिया है. सैनिटाइजर का भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो लापरवाही कर रहे हैं, लेकिन वह भी जल्द ही समझ जाएंगे. कोरोना का अतिरिक्त काम मिलने के बारे में वह कहती हैं कि यह विपत्ति का समय है. इस वक्त लोगों को को बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभानी चाहिए. खासकर जब तक कोरोना संक्रमण का खतरा है तब तक तो लोगों को निश्चिंत होकर नहीं बैठना चाहिए. 40 बच्चे हैं आंगनबाड़ी केंद्र में: पचगछिया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 44  में 40 बच्चे हैं. इनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी ममता कुमारी उठा रही हैं. साथ ही बच्चों को प्राथमिक तौर पर शिक्षित करने का भी काम कर रही हैं. बच्चों के पोषण से लेकर हर तरह की जिम्मेदारी को वह बखूबी निभा रही हैं. इस काम में सहायिका भी उनका साथ दे रही हैं. ममता कुमारी 2007 से आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 44 में अपनी सेवा दे रही हैं. वह बताती हैं कि अब तक सैकड़ों बच्चे यहां से शिक्षित होकर निकल चुके हैं. सारे बच्चे उनका आदर करते हैं. साथ में गांव के लोग भी उनके कार्य से काफी संतुष्ट हैं. परिवार का भी मिल रहा सहयोग:  ममता कुमारी कहती हैं कि अगर परिवार का सहयोग नहीं मिलता तो वह अपना काम इतनी मजबूती से नहीं कर पाती. बच्चे तो बाहर पढ़ते हैं लेकिन घर पर पति मेरे काम में सहयोग करते हैं. इसी का परिणाम है कि वह अपना काम बेहतर तरीके से कर पा रही हूं. दरअसल, फील्ड में काम करते वक्त मुझे घर के बारे में बहुत ज्यादा चिंता नहीं रहती है. यही कारण है कि वह अपने काम को सही तरीके से अंजाम दे पा रही है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *