अरविंद केजरीवाल को एक के बाद एक लग रहे हैं झटके
मुसीबतों से घिरे अरविंद केजरीवाल को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया।
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक राजकुमार आनंद 2020 के चुनाव में पटेल नगर से टिकट हासिल करके चुनाव में जीते थे।
उन्हें आम आदमी पार्टी का प्रमुख नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी करीबी माना जाता है.
इस्तीफा देने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस पार्टी, सरकार और मंत्रिपद से इस्तीफा देता हूं, क्योंकि मैं भ्रष्टाचाररियों में नाम नहीं जुड़वाना चाहता।
साथ ही साथ उनका कहना है कि वह पार्टी में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे, अब वह इस बात से निराश हैं कि पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार के जाल में फंस गई है.
और उनका ये भी कहना है कि, अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में खड़े होकर कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज राजनीतराजनीति नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गया. उन्होंने कहा कि इस्तीफा सीएम ऑफिस भेज दिया है. मेरे लिए मंत्रीपद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है।
पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद को मनीष सिसौदिया और सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय आवंटित किया गया था. बाद में स्वास्थ्य का जिम्मा सौरभ भारद्वाज को और शिक्षा का जिम्मा आतिशी को दिया गया.
हाल ही में राजकुमार आनंद के घर ED की रेड पड़ी थी। पिछले साल नवंबर महीने में राजकुमार आनंद के घर पर ईडी की टीम छापेमारी करने पहुंची थी। उनसे जुड़े कुल एक दर्जन से ज्यादा परिसरों पर ईडी ने छापेमारी की थी।