Chandra Grahan 2023: साल का आखिरी चंद्रग्रहण आज, सूतक काल माना जाता है अशुभ; जानिए दान-पुण्य का महत्व
Chandra Grahan 2023 आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक 28 अक्टूबर शाम 4 बजे से शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है। चंद्रग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।
HIGHLIGHTS
- ग्रहण की शुरूआत मध्य रात्रि 1:05 बजे होगी जो मध्य रात्रि 2:24 बजे तक रहेगी।
- चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है।
- चंद्रग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।
नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है ग्रहण
चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक 28 अक्टूबर शाम 4 बजे से शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना जाता है। पंडित अमन शर्मा जलेबी बाबा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है।
दान-पुण्य करने का विशेष महत्व
चंद्रग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का असर कम हो सकता है। जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब चंद्रग्रहण लगता है। वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र है लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है।
पंडित भागवत भास्कर पंडित डॉक्टर सूर्य कांत शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है। यह अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों को अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा। ग्रहण के दौरान कई तरह की विशेष सावधानियां बरती जानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ग्रहण के बाद दान-पुण्य, स्नान और अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए।