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देशवासियों को जल्द मिल सकती है महंगाई से राहत, दिसंबर तक कम हो सकती है

देश को जल्द ही बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी। वित्त मंत्री टीवी सोमनाथन ने कहा कि भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर तक घटने की उम्मीद है। देश की खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में लगातार दूसरे महीने आरबीआई के अनुमानित दायरे 2 से 6 प्रतिशत से ऊपर रही। हालांकि जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी रही जो 15 महीने का उच्चतम स्तर है।

आरबीआई के अनुमान से अभी उपर है खुदरा महंगाई

देश की खुदरा महंगाई अगस्त में लगातार दूसरे महीने 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत के आरबीआई के अनुमान के दायरे से ऊपर रही। वहीं जुलाई में खुदरा महंगाई 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 प्रतिशत पर थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 5.7 प्रतिशत हो जाएगी, जो वित्तीय वर्ष 2024 में और कम होकर 5.4 प्रतिशत हो जाएगी।

क्यों बढ़ रही है महंगाई?

आपको बता दें कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी मुद्रास्फीति का मुख्य कारण रही है। अचानक मौसम में बदलाव के कारण सब्जियों, दूध और अनाज जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

सोमनाथन ने समाचर एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि

जेपी मॉर्गन के व्यापक रूप से ट्रैक किए जाने वाले उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारतीय बांडों को शामिल करने के बाद भी, देश का हमारे व्यापक आर्थिक हितों की रक्षा के लिए विनियमन और कराधान के मामले में नीति विवेक पूरी तरह से खुला है।

पिछले महीने जेपी मॉर्गन ने भारत सरकार के बॉन्ड को किया था शामिल

सितंबर में जेपी मॉर्गन ने बताया था कि वह 28 जून 2024 से भारत सरकार के घरेलू बॉन्ड को अपने इंडेक्स ईमर्जिंग मार्केट (GBI-EM) में शामिल करेगा।

वित्त सचिव ने कहा कि भारत 2025/26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। देश 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रख रहा है।

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