डेब्यू टेस्ट में 16 विकेट लेकर मचाया तहलका, चश्मा लगाकर करता था गेंदबाजी; 35 साल बाद भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बरकरार
हर एक खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने डेब्यू मैच में ऐसा प्रदर्शन करे कि वह हमेशा के लिए यादगार साबित हो।
बल्लेबाजों के लिए अपने पहले ही मैच में जहां शतक जड़ने का सपना होता है तो गेंदबाजों की आस ज्यादा से ज्यादा विकेट चटकाने की रहती है, लेकिन हर किसी को सफलता जल्द नहीं मिलती है।कुछ सफलता का स्वाद चखते हैं तो किसी के हाथ निराशा लगती है। ऐसा ही एक भारतीय खिलाड़ी था, जिसने अपने डेब्यू मैच में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे आज तक कोई भी बॉलर तोड़ नहीं सका।
उन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच में 16 विकेट लेकर हर किसी को हैरान कर दिया। ये और कोई नहीं, टीम इंडिया के लेग स्पिनर नरेंद्र हिरवानी है, जिन्होंने अपने पहले मैच में ही दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
डेब्यू टेस्ट में रचा इतिहास, बनाया ऐसा रिकॉर्ड जिसे आजतक कोई नहीं तोड़ सका
दरअसल, मध्य प्रदेश के नरेंद्र हिरवानी (Narendra Hirwani) ने 16 साल की उम्र में एमपी की रणजी टीम में अपनी जगह बनाई थी। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद उन्हें 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में खेलने का मौका मिला। 19 साल की उम्र में हिरवानी को चेन्नई में हुए चौथे टेस्ट के लिए टीम में जगह मिली और इस युवा गेंदबाज ने विंडीज टीम के बैटिंग ऑर्डर को तहस-नहस किया।उन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिससे विंडीज टीम नहीं, बल्कि हर कोई हैरान रह गया। पहली पारी में उन्होंने 18.3 ओवर फेंकते हुए 8 विकेट लिए और इस दौरान 61 रन खर्च किए। इसके बाद भी हिरवानी की रफ्तार थमी नहीं, बल्कि दूसरी पारी में फिर से वेस्टइंडीज टीम को ढेर किया।
दूसरी पारी में उन्होंने 15.2 ओवरों में 75 रन दिए और फिर 8 विकेट चटकाए। उन्होंने वेस्टइंडीज की पारी को 160 रन पर समेट दिया। इस मैच को भारत ने 255 रनों से अपने नाम किया। इस तरह हिरवानी ने डेब्यू मैच में 136 रन दिए और 16 विकेट हासिल किए और ये अपने आप में विश्व रिकॉर्ड बन गया। आज तक इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ सका है।’
17 मैचों में ही करियर हुआ समाप्त
बता दें कि डेब्यू मैच में शानदार विकेटों की झड़ी लगाने वाले हिरवानी का करियर जल्द ही समाप्त हो गया। उन्होंने करियर का आगाज तो धमाकेदार अंदाज में किया था, लेकिन उसका अंत कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने 4 टेस्ट मैच में ही 36 विकेट ले लिए थे, लेकिन विदेशी धरती पर वह जादू नहीं दिखा सके।
सिर्फ 17 टेस्ट के बाद उनके करियर पर फुलस्टॉप लग गया। इन 17 टेस्ट मैचों में हिरवानी ने 66 विकेट लिए। उन्होंने अपने करियर में 18 वनडे खेलते हुए 23 विकेट लिए। इस तरह 167 फर्स्ट क्लास मैचों में हिरवानी ने 732 विकेट हासिल किए।