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Credit Card Bill: लेट बिल पेमेंट पर कितना लगता है चार्ज, कैसे कैलकुलेट किया जाता है ब्याज, जानिए पूरी जानकारी

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आजकल हर कोई करता है।

क्रेडिट कार्ड में मिलने वाले रिवार्ड प्वाइंट और अनेक बेनिफिट की वजह से लोग इसका ज्यादा उपयोग करते हैं। ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि महंगें प्रोडक्ट आसान किश्त पर मिल सके।क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आजकल हर कोई करता है। क्रेडिट कार्ड में मिलने वाले रिवार्ड प्वाइंट और अनेक बेनिफिट की वजह से लोग इसका ज्यादा उपयोग करते हैं। ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि महंगें प्रोडक्ट आसान किश्त पर मिल सके।

कितना लगता है चार्ज?

पहले आपको बतातें हैं क्रेडिट कार्ड कंपनी आपको बिल भरने का कितना समय देती है। आपको बता दें कि कंपनी अपने ग्राहकों को बिल का पेमेंट करने के लिए 14 से 50 दिनों का समय देती है। अगर कोई व्यक्ति इस समय अवधि में भी अपना बिल नहीं भरता है तो फिर उसके उपर हर महीने ब्याज लगता है।

इस ब्याज दर का उल्लेख वार्षिक एपीआर (वार्षिक प्रतिशत दर) के रूप में किया जाता है। यह दर 14 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत के बीच हो सकती है। जब भी आप टाइम पर बिल का पेमेंट नहीं करते तो आपके कार्ड की बकाया लिमिट पर ब्याज बढ़ जाता है।

यहां आपको ध्यान देने वाली बात यह है कि यह ब्याज दर उस राशि के अनुसार लगता है जो लिमिट बची हुई है।

क्या है ब्याज दर लगाने का फॉर्मूला?

सबसे पहले आप जानिए की आप कार्ड का बिल जितना लेट भरेंगे उतना ब्याज दर बढ़ेगा। अगर आप न्यूनतम देय राशि देते है तो इस स्थिति में भी बैंक आपसे ब्याज लेगा। क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता आपके बकाया खाते पर प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज की गणना करते हैं।

फॉर्मूलें की बात करें तो इसका फॉर्मूला: (लेन-देन की तारीख से कुल दिन x शेष राशि x मासिक क्रेडिट कार्ड ब्याज दर x 12 महीने) / 365 दिन

क्या होता है क्रेडिट कार्ड?

क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय साधन है जो बैंकों द्वारा पूर्व-निर्धारित क्रेडिट सीमा के साथ जारी किया जाता है, जो आपको कैशलेस लेनदेन करने में मदद करता है। कार्ड जारीकर्ता आपके क्रेडिट स्कोर, क्रेडिट इतिहास और आपकी आय के आधार पर क्रेडिट सीमा निर्धारित करता है।

 

 

 

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