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लोकसभा में विपक्षियों के वॉकआउट के बीच दिल्ली सेवा बिल पारित ;विपक्षी गठबंधन पर शाह का हमला

लोकसभा में विपक्षियों के वॉकआउट के बीच दिल्ली सेवा बिल पारित ;विपक्षी गठबंधन पर शाह का हमला

दिल्ली की सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा से पास हो गया। नवगठित विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया तो वहीं राजग के साथ-साथ बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका पुरजोर समर्थन किया।

विपक्षियों पर बरसे अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए विपक्षी दल विधेयक का विरोध कर रहे हैं। विधेयक का विरोध करने को लेकर गृह मंत्री ने विशेष रूप से कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उस पर तीखा हमला किया। साथ ही कांग्रेस को सावधान किया कि गठबंधन की मजबूरी में भले ही वह विधेयक के खिलाफ है, लेकिन इसके पास होने के बाद केजरीवाल गठबंधन में नहीं रहने वाले हैं।

AAP सांसद निलंबित

वहीं, विधेयक के विरोध में आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के बाद आम आदमी पार्टी के लोकसभा में एकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। पिछले दो हफ्ते से मणिपुर के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने वाले विपक्षी नेताओं के विधेयक पर चर्चा में भाग लेने को लेकर अमित शाह ने तीखा कटाक्ष किया।

विपक्ष को न तो लोकतंत्र की, न देश की और न जनता की चिंता है, उसे सिर्फ गठबंधन बचाने की चिंता है और सिर्फ इसके लिए सदन की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। जैसे ही गठबंधन टूटने का बिल आया मणिपुर को भूल गए। शाह ने कहा कि देश कांग्रेस और विपक्ष के इस दोहरे चरित्र को देख रहा है – अमित शाह

अबतक कितने विधेयक बिना चर्चा के हुए पास?

उन्होंने कहा कि सदन में अभी तक नौ विधेयक बिना चर्चा के पास हो चुके हैं। ये सभी विधेयक जनता के लिए अहम हैं, लेकिन कांग्रेस व विपक्ष ने इस पर चर्चा की जरूरत नहीं समझी और केजरीवाल के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए विधेयक के हो रहे विरोध के पक्ष में खड़े हो गए।

शाह ने पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल में विपक्षी गठबंधन के अंतर्विरोधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि विपक्ष गठबंधन की चाहे कितनी भी कोशिश कर ले अगले साल लोकसभा चुनाव में भारी जीत के साथ तीसरी बार नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की अगुवाई में विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का जबरदस्त विरोध करते हुए इसे संघीय ढांचे के खिलाफ और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल करार दिया। उन्होंने अध्यादेश के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने का आरोप लगाया।

अमित शाह ने विपक्षी आरोपों को किया खारिज

विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए अमित शाह ने कहा कि दिल्ली राज्य ही नहीं है। यह केंद्र शासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। उन्होंने विपक्षी सांसदों को राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र शासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अंतर समझने की सलाह दी।

शाह ने कहा कि कांग्रेस की केंद्र सरकार के समय दिल्ली को विधानसभा के साथ केंद्रशासित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाते समय अनुच्छेद 239 एए के तहत सेवाओं का अधिकार केंद्र को दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा की ही राज्य व केंद्र में सरकारें रहीं, लेकिन 2015 तक कोई विवाद नहीं आया।

केजरीवाल सरकार पर बरसे अमित शाह

केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,2015 में एक ऐसी सरकार आई, जिसका मकसद सेवा करना है ही नहीं, सिर्फ झगड़ा करना है।

अमित शाह ने विधेयक को केंद्र सरकार के संविधान सम्मत अधिकार के तहत बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में केंद्र के इस अधिकार को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि विधेयक को दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए लाया गया है, लेकिन केजरीवाल सरकार के घोटाले को छुपाने के लिए इसका विरोध किया जा रहा है।

अध्यादेश लाने की जल्दी पर उठाए सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले आते ही सबसे पहले सतर्कता विभाग पर हमला शुरु हो गया। उन्होंने घोटाले सूची गिनाते हुए कहा कि इनसे संबंधित फाइलें सतर्कता विभाग में थी, इसीलिए उसे निशाना बनाया गया।

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