Delhi: शराब नीति पर संग्राम; इसी बिच दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, छह महीने तक लागू रहेगी पुरानी आबकारी नीति
राजधानी दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने सरकार की शराब नीति से दूरी बना ली है और दुकानों को बंद करना शुरू कर दिया है. इसके पीछे बड़ी वजह दुकानदारों का आर्थिक नुकसान है.
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को आए अभी महज 9 महीने भी नहीं हुए हैं, इसी बीच 200 से ज्यादा दुकानें बंद भी हो गई हैं.
वहीं दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर उपजा विवाद बढ़ता जा रहा है। ताजा मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शराब की बिक्री को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।
उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई जांच के आदेश के बाद तमाम आरोपों का सामना कर रही दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सोमवार से दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू होगी। उन्होंने ये भी कहा कि नई आबकारी नीति वापस होगी। नई नीति तैयार होने तक पुरानी नीति के तहत ही शराब की बिक्री की जाएगी।
सिसोदिया ने बताया की पहले सरकार को आबकारी विभाग से 6 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था। नई नीति के तहत साढ़े नौ हजार राजस्व आना था। यानी डेढ़ गुना राजस्व बढ़ना था।
जाने क्या है नई आबकारी नीति में
- निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
- शराब बिक्री केंद्र को एमआरपी पर छूट देने की अनुमति थी
- बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी
- शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष की गई
- दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
- पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी ताकि महिलाएं शराब का सेवन कर सकें
- रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
- तीन दिन ही ड्राई डे यानी दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी