द्रौपदी मुर्मू बानी देश की आदिवासी राष्ट्रपति, यशवंत हुए चित्त।
देश के 15वें राष्ट्रपति के नाम का इंतजार अब से कुछ देर में खत्म हो जाएगा जहाँ NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच कहने को तो सीधा मुकाबला है, लेकिन द्रौपदी मुर्मु की जीत लगभग तय है।मुर्मू को NDA दलों के साथ ही शिवसेना, BJD और YSR कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। वहीं यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, TMC, NCP और SP का समर्थन मिला है।वहीँ मुर्मू की जीत को लेकर आश्वस्त भाजपा नतीजे आने के बाद दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी।
ऐसा पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुआई करेंगे और भाषण देंगे। पहली बार आदिवासी महिला के राष्ट्रपति चुने जाने का श्रेय PM मोदी को देंगे। हालांकि, जुलूस में मुर्मू शामिल नहीं होंगी।द्रौपदी मुर्मू की जीत की घोषणा होते ही देशभर में जश्न शुरू हो जाएगा। द्रौपदी की जीत से BJP आदिवासी समुदाय सहित पूरे देश और खासतौर पर महिलाएं में खास संदेश देना चाहती है।
जिससे मुख्य धारा से कटे इस समुदाय में राजनीतिक मैसेज जाए कि प्रधानमंत्री मोदी और BJP ही ऐसी पार्टी है जो सत्ता के लिए नहीं बल्कि देश के वंचित तबकों और वर्गों के लिए काम करते हैं।यही वजह है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत के बाद पोस्टर में द्रौपदी मुर्मू के साथ किसी और नेता की तस्वीर न लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव से ही 2024 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी में जुट गई है।