newsशिक्षा

16 वर्षीय पर्यावरणविद अर्शिया ढींगरा ने कचरे और रद्दी पेपर से बनाई मैट्स और पेंटिंग बेच कर ढाई लाख रुपये गरीबों में कि दान

जैसा की आप जानते हैं की भारत में हर साल करीब 26,000 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है.
प्लास्टिक का कचरा के मामले में भारत को यूरोपीय संघ और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश माना जाता है

इस लिए आज समय की मांग है कि पृथ्वी को बचाया जाए

इसी को ध्यान में रख कर अर्शिया नाम की एक मात्र 16 वर्षीय लड़की ने घर में बेकार परी वेस्ट मटेरियल से कुछ पेंटिंग्स बनायीं जो नयी पीढ़ी के बच्चों के लिए प्रेरणा का श्रोत है।

वेस्ट2वर्थ के पीछे की प्रेरक शक्ति अर्शिया हमेशा अपने समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कुछ न कुछ करती रही है रही हैं।
अर्शिया ने कुछ समय पहले करीब 15,000 किलो  बेकार पड़े कागजों को इकट्ठा किया और उससे 5 हजार नोट बुक बनाये और उसे ओपी भल्ला फाउंडेशन को दान कर दिया। जो वंचित परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराता है।
इसके आलावा अर्शिया ने गरीब महिलाओं को पेंटिंग बनाना सिखाया और उन पेंटिंग्स को बेच कर जो राशि  हुआ वो उन लड़कियों को दान कर दिया। इससे उन गरीब लड़कियों को रोजगार का स्रोत मिला।
अर्शिया द्वारा किये गए इस महान कार्य के लिए कुछ सामाजिक संस्था जो पर्यावरण के लिए काम करती है उसने अर्शिया को सम्मानित भी किया है। जिनमें प्रकृति सुरक्षा परिषद् भी शामिल है।
16-year-old environmentalist Arshiya Dhingra donated Rs 2.5 lakh to the poor by selling mats and paintings made from garbage and waste paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *