Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Gajanana Sankashti Chaturthi 2023: सावन महीने में कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी? जानें-तिथि और पूजा विधि - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
newsराशिफल

Gajanana Sankashti Chaturthi 2023: सावन महीने में कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी? जानें-तिथि और पूजा विधि

Gajanana Sankashti Chaturthi 2023 इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता लंबोदर गजानन गणपति बप्पा सिद्धिविनायक एकदन्त विनायक गणाधिपति रिद्धि-सिद्धि के दाता विघ्नहर्ता सुखकर्ता और शुभकर्ता भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।  Gajanana Sankashti Chaturthi 2023: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार, सावन महीने में कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 6 जुलाई को है। इसे गजानन संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। यह दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सिद्धि पूर्ति हेतु संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, लंबोदर, गजानन, गणपति बप्पा, सिद्धिविनायक, एकदन्त, विनायक, गणाधिपति, रिद्धि-सिद्धि के दाता, विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और शुभकर्ता भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। आइए, गजानन संकष्टी चतुर्थी की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं

शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, सावन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 6 जुलाई को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 7 जुलाई (अंग्रेजी कैलेंडर) को देर रात 03 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 6 जुलाई को ही गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। चन्द्रोदय का समय देर रात 10 बजकर 12 मिनट है।

पूजा विधि

गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म बेला में उठें और भगवान गणेश को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इस समय हथेली देखकर निम्न मंत्र का जाप करें-

कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।

करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥’

अब घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। इसके पश्चात, दैनिक कार्यों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब जल में हथेली लेकर आचमन करें। इस समय निम्न मंत्र का जाप करें-

‘ॐ केशवाय नम:,

ॐ नाराणाय नम:,

ॐ माधवाय नम:,

ॐ हृषीकेशाय नम:

अंत में अंगूठे से मुख पोछ कर ‘ॐ गोविंदाय नमः’ मंत्र का उच्चारण करें। अब पीले रंग का वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

तदोउपरांत, पूजा गृह में चौकी पर नवीन वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान करें-

– गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।

उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।

आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।

यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।

– वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

तदोउपरांत, पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, अक्षत, दूर्वा आदि चीजों से करें। भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। अतः भगवान गणेश को मोदक अवश्य भेंट करें। इस समय गणेश चालीसा, स्त्रोत और स्तुति का पाठ और गणेश मंत्र का जाप करें। पूजा के अंत में आरती कर सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में चंद्र पूजा कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ कर व्रत खोलें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *