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Hardik Patel Resign: गुजरात चुनाव से पहले ही कंग्रेस को मील गया एक बड़ा झटका, हार्दिक पटेल ने दिया इस्तीफा।

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। गुजरात प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इस्तीफा दे दिया हैं. इस बात की जानकारी हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर के दिया। हार्दिक पटेल ने अपने टवीट में लिखा, आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला किया भी किया है. हार्दिक बीते कुछ वक्त से कांग्रेस नेताओं से नाराज चल रहे थे और उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें पहले… से ही लगाई जा रही थीं। बताया ये भी जा रहा हैं की हार्दिक पटेल बहुत जल्द ही बीजेपी में भी शामिल हो सकते है.

पार्टी से क्यों नाराज चाल रहे थे हार्दिक

हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हार्दिक ने लिखा की उनके अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी देशहित और समाज हित के बिल्कुल विपरीत काम कर रही है
कांग्रेस पार्टी विरोध की राजनीति तक सीमत हो गई है। इस कारण में पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूँ। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में उनकी हालत ऐसी हो गई है जैसे नए दूल्हे की नसबंदी करा दी हो. यहां वह कहना चाह रहे थे कि उनके पास पार्टी में… फैसला लेने की कोई पावर नहीं है. हार्दिक ने ये भी आरोप लगाया था क‍ि राज्य के शीर्ष नेता उन्‍हें मीटिंग में नहीं बुलाते.

मोदी सरकार की प्रशंसा में कसीदे।

अपने इस्तीफे में पाटीदार नेता ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हो या जीएसटी लागू करने का निर्णय…देश लंबे समय से इन समस्याओं का समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा उनका ध्यान गुजरात के लोगों से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा। जब देश में संकट था तो हमारे नेता विदेश में थे। हार्दिक पटेल ने कहा, हमारे कार्यकर्ता अपने खर्च पर 500 से 600 किमी की यात्रा कर जनता के बिच जाते हैं और गुजरात के बड़े – बड़े नेताओं का ध्यान सिर्फ इस पर रहता हैं की दिल्ली से हुए नेता को चिकन सैंडविच मिला या नहीं।

 

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