वेदों, पुराणों एवम शास्त्रों के अनुसार वर्ष के प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। तदनुसार, फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार 27 फरवरी 2018 को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। कलयुग में प्रदोष व्रत का अतुल्य महत्व है, भगवान शिव जी के भक्त श्री सूत जी का कहना है कि जो भक्त प्रदोष व्रत के दिन उपवास रख कर शिव जी की आराधना व् पूजा करते है, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है तथा सभी प्रकार का दोष दूर हो जाता है एवं परिवार में मंगल ही मंगल होता है। devotional pradosh vrat kahani
नरसिंह द्वादशी की कथा एवं इतिहास
प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्ष की त्रयोदशी को पड़ता है । भक्तगण सप्ताह के सातो दिन व्रत रख सकते है। ऐसी मान्यता है की प्रदोष व्रत को करने से सप्ताह के सातो दिन भिन्न -भिन्न प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। रविवार को प्रदोष व्रत करने से शरीर निरोग रहता है, सोमवार को प्रदोष व्रत करने से इच्छित फल मिलता है , मंगलवार को प्रदोष व्रत करने से रोग से मुक्ति मिलती है , बुधवार को प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार की मनोकामना सिद्ध होती है । गुरुवार को प्रदोष व्रत करने से शत्रु का नाश होता है , शुक्रवार को प्रदोष व्रत करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है , तथा शनिवार को प्रदोष व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें www.hindumythology.org