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‘कोई सीमा लांघी है तो…’ इमरान खान ने महिला जज से फिर मांंगी माफी, न्यायाधीश से मिलने अदालत कक्ष पहुंचे

इमरान खान ने कहा कि जब वह पहले उक्त न्यायाधीश के अदालत कक्ष में गए थे तो उन्हें काफी पछतावा हुआ था।

इमरान खान ने जज से कहा मैं महिला जज की अदालत में गया और कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। बता दें कि इमरान खान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में गए।  पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को एक बार फिर अवमानना मामले में अदालत के सामने माफी मांगी है। इमरान खान ने एक महिला जज के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए एक फिर माफी मांगी और कहा कि अगर उन्होंने कोई सीमा लांघी है तो वो माफी मांगते हैं।

इमरान खान ने न्यायाधीश को दी थी धमकी

इस साल के अप्रैल महीने में इमरान खान ने एक भाषण में इस्लामाबाद के शीर्ष पुलिस अधिकारियों और न्यायाधीश जेबा चौधरी को धमकी दी थी। भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि वह उन्हें बख्शेंगे नहीं और उनकी पार्टी के नेता शाहबाज गिल को प्रताड़ित करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करेंगे।

न्यायाधीश से नहीं मिल सके इमरान खान

सुनवाई के दौरान इमरान खान ने कहा कि जब वह पहले उक्त न्यायाधीश के अदालत कक्ष में गए थे तो उन्हें काफी पछतावा हुआ था।

इमरान खान ने जज से कहा,  “मैं महिला जज की अदालत में गया और कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।” वहीं, उन्होंने कहा कि अगर मैंने कोई सीमा लांघी है तो मैं माफी मांगता हूं।

बता दें कि इमरान खान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में गए। लेकिन पुलिस ने महिला जज का कमरा बंद कर दिया और बताया कि वह छुट्टी पर हैं।

न्याय की सर्वोच्चता के लिए बनाई पार्टी: इमरान खान

कोर्ट में इमरान खान ने कहा,मैंने 27 साल पहले न्याय की सर्वोच्चता के लिए एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी,मैंने आज तक कोई हिंसक गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया है।

बता दें कि इस्लामाबाद पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को धमकी देने के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने तब इमरान खान के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​​​की कार्यवाही शुरू की थी।

बाद में उच्च न्यायालय ने अवमानना ​​​​मामले में माफी मांगने के बाद पीटीआई प्रमुख को माफ कर दिया। लेकिन, उनके खिलाफ अवमानना ​​ का एक मामला ​​सत्र अदालत के समक्ष लंबित है।

 

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