Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
news

प्रमंडल आयुक्त ने स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने का दिया निर्देश

सहरसा।

कोसी प्रमंडल के सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल जिला में संचालित स्वास्थ्य संस्थानों में मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों की कार्य-व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर कोसी प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने तीनों जिला के डीएम को पत्र लिखकर दिशा निर्देश जारी कर सख्ती से सुधार की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

आयुक्त ने कहा है कि प्रमंडल के सभी जिलों के सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालयों एवं जिला स्वास्थ्य समिति में संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन एवं अस्पतालों की व्यवस्था के निरीक्षण से यह स्पष्ट हुआ है कि विभिन्न अस्पतालों की मूल समस्या यहां के सरकारी डॉक्टर एवं अन्य कर्मी सरकार के निर्धारित समय के अनुरूप उपस्थित होकर अपना कार्य नहीं कर रहे हैं। सरकार के निर्देश के आलोक में कुछ जिलों में केवल जिला अस्पताल में इन कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बॉयोमैट्रिक मशीन अधिष्ठापित किये गये हैं। कुछ जिलों में यह भी पाया गया है कि सरकारी डॉक्टर बॉयोमैट्रिक मशीन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं। कुछ जिलों में जिला अस्पताल के अधीनस्थ अस्पतालों में बॉयोमैट्रिक मशीन अभी तक अधिष्ठापित नहीं किया गया है। जिसके कारण सरकार के आदेश का उल्लंघन हो रहा है और सरकारी अस्पतालों में सरकारी चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति पर नियंत्रण स्थापित नहीं हो पा रहा है। कई सरकारी चिकित्सक काफी लंबे अरसे से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है। लेकिन  उनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर सक्षम प्राधिकार को कार्रवाई के लिए भी नहीं भेजा गया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा इन अस्पतालों के संचालन के लिए वर्षवार आवंटन भेजा जा रहा है। लेकिन उक्त आवंटन का नियमानुसार उपयोग संबंधित पदाधिकारी द्वारा नहीं किया जा रहा है। प्राप्त राशि का प्रत्यार्पण वित्तीय वर्ष की समाप्ति में किया जा रहा है। कुछ कार्यालयों में यह भी पाया गया कि कार्यालयों की सामाग्रिओं का क्रय जैम  के माध्यम से नहीं कर आपूर्तिकर्ता के माध्यम से कार्यालय की सामाग्री क्रय की जा रही है। इसमें यह भी पाया गया कि कई समाग्रिओं का दर खुले बाजार की दर से काफी अधिक है। जिसके कारण सरकारी राशि का अपव्यय एवं दुरुपयोग भी हो रहा है। विभिन्न अस्पलाओं में सफाई, सुरक्षा, विद्युत व्यवस्था के लिए जेनरेटर, बेड सीट धुलाई मरीजों का आहार आदि के लिए निविदा के माध्यम से अनेक संवेदकों का चयन किया गया है। लेकिन निविदा एवं एकरारनामा के शर्तों के अनुरूप इन संवेदकों से कार्य नहीं लिया जा रहा है। कहीं-कही यह भी पाया गया है कि एक ही संवेदक लगभग छ-सात वर्षों से कार्यरत है, जो निविदा के शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए काफी बड़ी राशि हर जिले में संवेदकों को भुगतान के लिए भेजी जा रही है। परन्तु सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य संपादित नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी इस संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।

आयुक्त ने अपने निर्देश पत्र में यह भी कहा है कि जिले स्थित अस्पतालों में चिकित्सकों व कर्मियों की उपस्थिति, दवाओं की आपूर्ति एवं अन्य सेवाओं के समुचित संचालन एवं लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों एवं कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए निम्नवत् निदेश दिये जाते है। जिसमे चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सिविल सर्जन-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा अपने कार्यालय, सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल एवं

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 15 दिनों के अंदर बॉयोमैट्रिक मशीन अधिष्ठापित किया जाय। बॉयोमैट्रिक मशीन में उपस्थिति के आधार पर वेतन निकासी का आदेश जिला कोषागार को दिया जाय। इसी तरह सभी अस्पतालों में कार्यरत निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा वित्त विभाग के निर्देशों के अनुरूप कार्यालय के सामाग्रिओं का क्रय जीईएम के माध्यम से किया जाय। यदि इसका अनुपालन एक माह के अंदर नहीं किया जाता है तो संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाय।  जो चिकित्सक व कर्मी लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है, उनके विरुद्ध आरोपपत्र गठित कर समुचित कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकार को प्रेषित किया जाय। यदि संबंधित सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा एक पक्ष के अंतर्गत यह कार्रवाई संपादित नहीं की जाती है तो संबंधित सिविल सर्जन के विरुद्ध संबंधित जिला पदाधिकारी आरोप-पत्र गठित कर सक्षम प्राधिकार को कार्रवाई के लिए भेजेगे। आदेश के कंडिका चार में कहा है कि जिन बाह्य एजेंसियों की सेवाएँ निविदा के माध्यम से ली जाती है, उनसे निविदा व  एकरारनामा के शर्तों के अनुरूप अक्षरशः कार्य लिया जाय। इसमें यदि किसी भी पदाधिकारी द्वारा लापरवाही बरती जाती है या इसमें संलिप्तता पायी जाती है तो उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाय। कंडिका पांच में कहा गया है कि सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा प्रखंड अस्पताल के पूर्ण कार्य प्रणाली की जाँच समय-समय पर क्रमशः जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी तथा प्रखंड पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत करेंगे तथा इसमें समुचित सुधार लाने का प्रयास भी करेंगे। इसी तरह कहा गया है कि वर्तमान में डेंगू जैसी महामारी के फैलने के कारण जिला स्थित सभी अस्पतालों को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाय तथा डेंगू से प्रभावित व्यक्तिओं को समुचित ईलाज की व्यवस्था कराई जाय। उन्होंने ने कहा है कि निदेशों का अनुपालन संबंधित पदाधिकारी के माध्यम से गंभीरता पूर्वक कराई जाय एवं कृत कार्रवाई से अवगत करायी जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *