भारत का पहला मंकीपॉक्स मरीज हुआ पूरी तरह ठीक, आज अस्पताल से मिलेगी छुट्टी
मंकीपॉक्स को लेकर एक राहत की खबर आई है दरअसल, देश का पहला मंकीपॉक्स रोगी संक्रमणमुक्त हो गया है केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को घोषणा की है कि देश का पहला मंकीपॉक्स रोगी पूरी तरह से ठीक हो गया है वीना जॉर्ज ने कहा कि चूंकि यह देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला था, इसलिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के निर्देशों के अनुसार 72 घंटे के अंतराल पर दो बार परीक्षण किए गए और दोनों बार रिपोर्ट निगेटिव आईं। रोगी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ है। त्वचा के धब्बे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उन्हें आज छुट्टी दे दी जाएगी। जॉर्ज ने कहा, ‘पूरे उपचार प्रोटोकॉल की योजना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे द्वारा बनाई गई थी और बार-बार नमूने लिए गए और परीक्षण किए गए.
केरल के कोल्लम में मिला था मंकीपॉक्स का पहला मरीज
बता दें कि 14 जुलाई को विदेश से लौटे केरल के कोल्लम के मूल निवासी में मंकीपॉक्स का संक्रमण पाया गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालांकि 16 दिनों बाद अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है।
बीमारी के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के छोटे बच्चों में मौत का खतरा अधिक रहता है।
संक्रमण कैसे होता है?
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है. ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है .यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है.