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वक्फ बिल पर JDU ने दिया सरकार का साथ

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड विधेयक (Waqf Amendment Bill) पेश किया गया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने आज विधेयक पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष को एतराज है।

दरअसल, विधेयक के संसोधन के बाद गैर-मुस्लिम व्यक्तियों और मुस्लिम महिलाओं को भी केंद्रीय और राज्य वक्फ निकायों में शामिल किया जाएगा। इस कदम से विपक्ष को आपत्ति है। समाजवादी पार्टी सांसद मोहिबुल्ला ने कहा कि विधेयक संशोधन के जरिए हमारे धर्म में दखलअंदाजी की जा रही है। वहीं, ओवैसी ने कहा कि यह हमारी धर्म की आजादी पर हमला है।

ललन सिंह ने आगे कहा कि कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी। यह उसका अधिकार है। पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था।

समाजवादी पार्टी सांसद ने विधेयक को बताया धर्म विरोधी

रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला ने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी लिखा गया है कि केवल सिख ही सदस्य होगा। फिर मुसलमानों के साथ ये अन्याय क्यों। हम बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं जिसका खामियाजा हम सदियों तक भुगतते रहेंगे।

सपा सांसद ने आगे कहा कि सरकारी अमले को ये हक दिया जा रहा है, सर्वे कमीशन के अधिकार खत्म किए जा रहे हैं। ये मेरे मजहब के मुताबिक कोई चीज है तो उसे आप तय करेंगे या मैं तय करूंगा। यह हमारे मजहब में दखलअंदाजी है। ऐसा हुआ तो कोई भी अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा। कहीं ऐसा न हो कि जनता सड़कों पर आ जाए।

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में कहा, “ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है।

अखिलेश यादव ने आगे कहा,”अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।’ अखिलेश यादव के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, “अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हो ।”

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