news

कोसी नदी जो गंगा नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है, क्या फिर से प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है

समाहरणालय,सहरसा।

(जिला जन-सम्पर्क कार्यालय)

सहरसा 

 

कोसी नदी को कैसे रखें स्वच्छ

बैठक में सदस्य सचिव-सह-वन प्रमंडल पदाधिकारी,सहरसा द्वारा बताया गया कि सभी हितधारी विभागों के समन्वित प्रयास से योजना का सूत्रण तथा उसका क्रियान्वयन किए जाने से ही कोसी नदी जो गंगा नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है, को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है। यह संतोष का विषय है कि सहरसा जिला अंतर्गत कोसी नदी के पड़ने वाले भाग में आसपास कोई औद्योगिक इकाई अवस्थित नहीं है, जिसका कचरा या प्रदूषण युक्त जल का प्रवाह कोसी नदी में होता है। कोसी नदी के दोनों ओर के केचमेंट एरिया में फसलों में रासायनिक खाद का कम से कम प्रयोग कृषकों द्वारा किए जाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि वर्षा के कारण कृषि भूमि से रासायनिक जल का बहाव नदी में ना हो पाए।

कोसी नदी को कैसे रखें स्वच्छ

कृषि विभाग द्वारा इस हेतु कृषकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। साथ ही साथ कृषकों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने तथा प्राप्त वर्मी कंपोस्ट खाद खेतों में प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। नगर परिषदध् नगर पंचायतध् ग्राम पंचायत द्वारा विद्युत शवदाह गृह बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि वृक्षो पर निर्भरता रोकने तथा शवदाह से प्राप्त कचरा से इस जिले से प्रभावित होने वाले स्थानीय जल स्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखा जा सके। सभी स्थानीय कचरा युक्त जल स्रोत आखिरकार कोसी नदी में जाकर मिल जाते हैं।इसके अलावा धोबी घाट को भी व्यवस्थित करने की आवश्यकता है,

जानिए कैसे हुआ कोसी नदी प्रदूषित

क्योंकि उसके द्वारा उपयोग में लाए गए साबुनध्डिटर्जेंट भी कोसी नदी में प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण है। कुछ हित धारी विभागों द्वारा बताया गया उन्हें नमामि गंगे योजना अंतर्गत राशि आवंटित नहीं है।सदस्य सचिव द्वारा बताया गया कि वर्ष 20-21 में सहरसा जिला अंतर्गत नमामि गंगे योजना से विभिन्न संस्थानों में 1000 पौधों का रोपण बांस गैवियन में किया गया तथा वर्ष 22-23 हेतु गंडौल चैक से झाड़ा घाट पर 3000 पौधा, तारा स्थान से चैनपुर पथ तट 2000 कुल 5000 बांस गैवियन में पौधा लगाने की योजना का सूत्रण कर विभाग को भेजा गया है। जिसकी स्वीकृति अद्यतन अप्राप्त है।

जिलाधिकारी की बैठक में क्या हुआ

समिति की बैठक में जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला गंगा समिति द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी हितधारी विभाग नमामि गंगे योजना अंतर्गत इसकी सहायक नदी कोशी को प्रदूषण मुक्त रखने हेतु समन्वित कार्यक्रम बनाए तथा योजना के संबंध में अपने-अपने विभाग से संपर्क कर योजना के कार्यान्वयन हेतु राशि आवंटित करने की कार्रवाई करें ताकि कोसी नदी में होने वाले प्रदूषण को कम से कम किया जा सके।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सहरसा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *