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Mangala Gauri Vrat 2023: मंगल दोष कर रहा है परेशान, तो अधिक मास के चौथे मंगला गौरी व्रत पर करें ये उपाय

Mangala Gauri Vrat 2023

इस बार अधिक मास के चलते सावन माह में 9 मंगला गौरी व्रत रखें जाएगें।

मंगला गौरी का व्रत श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित स्त्रियों और अविवाहित कन्याओं द्वारा किया जाता है। इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करने से माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।  सावन माह में मंगलवार के दिन पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत माता पार्वती को समर्पित है। सावन अधिक मास का चौथा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को विवाह का कारक माना गया है। ऐसे में मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है।

क्या है मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Importance)

मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस व्रत को करने से माता पार्वती सदा सौभाग्‍यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। तो वहीं, अविवाहित युवतियां इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाह में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए रखती हैं। इस व्रत को करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

मंगला गौरी व्रत के उपाय (Mangla Gauri Vrat Upay)

– कुंडली में मंगल दोष होने पर मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखें और पूजा के दौरान ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का कम से कम 21 बार जरूर जाप करें।

– मंगला गौरी व्रत की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों में लाल मसूर दाल और लाल वस्त्र का दान करें। इससे कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।

– मंगला गौरी व्रत पर मां गौरी को 16 श्रृंगार भेंट करें। ऐसा करने से जल्द विवाह के योग बनने लगते हैं।

– मंगला गौरी व्रत के दिन मिट्टी का घड़ा नदी में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसा करने पर विवाह में आ रही बाधांए दूर होती है।

 

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