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सावन महीने में शिव उपासना के कई कठोर नियम : सावन महीने में क्या करें और किन चीजों से करें परहेज

सावन के महीने में चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल

सावन महीने की शुरुआत हो गई है। इस वर्ष अधिकमास पड़ने के चलते 59 दिनों का सावन है। अतः सावन महीने का समापन 31 अगस्त को होगा। सावन के महीने में चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल रहता है। ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस महीने में देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाता है। सावन महीने में शिव उपासना के कई कठोर नियम हैं। इन नियमों का पालन अनिवार्य है। अनदेखी करने से भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो सावन महीने में शास्त्र संगत नियमों का अवश्य पालन करें। आइए जानते हैं

सावन में क्या करें –

– भगवान शिव बड़े दयालु हैं। अपने भक्तों के सभी दुख और दर्द हर लेते हैं। उनकी कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अतः सावन महीने में प्रतिदिन विधिवत भगवान शिव की पूजा करें। अगर पर्याप्त समय नहीं है, तो गंगाजल, दूध या सामान्य जल से भगवान शिव का रोजाना अभिषेक करें। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं।
– सावन महीने में शिव मंत्र का जाप करें। संध्याकाल में आरती के समय शिव भजन अवश्य करें।

– अगर शारीरिक रूप से सबल हैं, तो सावन सोमवार का व्रत अवश्य रखें। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक की विशेष मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

-सावन के महीने में शास्त्र संगत शाकाहारी भोजन ही करें। इससे मन एकाग्र रहता है।

– सभी संकटों से निजात पाने के लिए सावन के महीने में रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। सावन सोमवार पर प्रकांड पंडित से सलाह लेकर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

– सावन महीने में ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करें।

किन चीजों से करें परहेज-

– सावन के महीने में तामसिक भोजन न करें। इससे मन में आसुरी प्रवृत्ति जागृत होती है।

– भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में मदिरा का भी सेवन न करें। अगर सावन महीने में मदिरा का सेवन करते हैं, तो भगवान शिव अप्रसन्न हो जाते हैं।

– सावन महीने में बाल और नाखून काटने की मनाही है। अगर आप कार्यरत हैं, तो हेयर कटिंग करा सकते हैं।

– किसी से भी कहासुनी न करें। इससे महादेव रुष्ट हो जाते हैं। विवादों से दूर रहें।

 

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