Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
मुजफ्फरनगर थप्पड़ मामला: पीड़ित बच्चे का अंग्रेजी स्कूल में कराया गया दाखिला, पढ़ाई का खर्च उठाएगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
newsराज्य

मुजफ्फरनगर थप्पड़ मामला: पीड़ित बच्चे का अंग्रेजी स्कूल में कराया गया दाखिला, पढ़ाई का खर्च उठाएगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

Muzaffarnagar News 

मुजफ्फरनगर में शिक्षिका के निर्देश पर जिस छात्र को उसके सहपाठियों ने कथित रूप से थप्पड़ मारा था, उसका दाखिला एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कराया गया है। जमीअत-उलमा-ए हिंद ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यकऔर वह एक सितंबर से अपनी पढ़ाई शुरू करेगा। मुकर्रम ने बताया कि सोमवार को जमीयत की एक टीम छात्र के पिता के साथ नए स्कूल पहुंची और इसके बाद दाखिले की औपचारिकताएं पूरी की गईं। मुकर्रम ने कहा कि अरशद मदनी के निर्देश पर जमीअत की एक टीम ने रविवार को लड़के के परिवार से मुलाकात की थी और कहा था कि वह छात्र को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराएगी।

एक सितंबर से अपनी पढ़ाई शुरू करेगा छात्र

उन्होंने कहा कि लड़के को शाहपुर में उसके घर से स्कूल तक लाने और ले जाने के लिए एक वाहन भी किराए पर लिया गया है और वह जब तक पढ़ना चाहेगा,उसकी शिक्षा का खर्च जमीअत उठाएगी। उन्होंने बताया कि छात्र का दाखिला अपर यूकेजी में कराया गया है और वह एक सितंबर से अपनी पढ़ाई शुरू करेगा। मुकर्रम ने बताया कि सोमवार को जमीयत की एक टीम छात्र के पिता के साथ नए स्कूल पहुंची और इसके बाद दाखिले की औपचारिकताएं पूरी की गईं। मुकर्रम ने कहा कि अरशद मदनी के निर्देश पर जमीअत की एक टीम ने रविवार को लड़के के परिवार से मुलाकात की थी और कहा था कि वह छात्र को निशुल्क शिक्षा मुहैया कराएगी। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने मीडिया में आई खबरों के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। अधिकारियों ने यहां बताया कि आयोग ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से घटना के बारे में आठ सूत्रीय रिपोर्ट भेजने को कहा है।

थप्पड़ मारने का एक वीडियो कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल

आयोग ने मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी और शिक्षिका तृप्ता त्यागी को 6 सितंबर को लखनऊ में उसके समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है। शिक्षिका के निर्देश पर एक छात्र को उसके सहपाठियों द्वारा थप्पड़ मारने का एक वीडियो कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की गई थी। इस संबंध में शिक्षिका तृप्ता त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उधर दूसरी तरफ जिले के उस निजी स्कूल को प्रबंधन ने सोमवार को तीसरे दिन भी बंद रखा जहां शिक्षिका द्वारा दूसरी कक्षा के एक छात्र को सहपाठियों से थप्पड़ लगवाने की कथित घटना हुई थी। प्रबंधन ने शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देने में व्यस्तता का हवाला देते हुए सोमवार को स्कूल बंद रहने की घोषणा पहले ही कर दी थी।

स्कूल प्रबंधन को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर 28 अगस्त तक मांगा गया था जवाब

बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि स्कूल प्रबंधन को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर 28 अगस्त, सोमवार तक जवाब देने को कहा गया है। स्कूल ने अपनी मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रशासन को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर सोमवार तक मोहलत दी गई है और उत्तर नहीं देने पर स्कूल की मान्यता खत्म करने की चेतावनी दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि स्कूल बंद नहीं किया जाएगा और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक छात्रों के हित में सामान्य शिक्षण गतिविधियां जारी रहेंगी। शनिवार को पीड़ित छात्र के परिवार की शिकायत के आधार पर शिक्षिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था। त्यागी ने अपने बचाव में कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। उसने दावा किया कि वीडियो छात्र के चाचा ने बनाया था। शिक्षिका ने माना कि छात्र को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाना गलत था, लेकिन उसने कहा कि दिव्यांग होने के कारण वह खड़े होकर उस छात्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं थी इसलिए उसने यह कदम उठाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *