Nitish Kumar: ‘आजादी की लड़ाई खत्म करने की हो रही साजिश’, बिना नाम लिए भाजपा पर बरसे नीतीश कुमार
बिहार के सहरसा में शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सांसद आनंद मोहन के पैतृक गांव पहुंचे थे। वे यहां आनंद मोहन के दादा और चाचा के प्रतिमा का अनावरण करने आए थे। इस दौरान उन्होंने जमकर आनंद मोहन की तारीफ की। इतना ही नहीं उन्होंने उनके दादा और चाचा के योगदान को भी याद किया।
आनंद मोहन से पहले मेरी अच्छी दोस्ती थी: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आनंद मोहन के कहने पर यहां आए हैं। पहले इनसे (आनंद मोहन) मेरा रिश्ता था, अच्छी दोस्ती थी। उन्होंने स्व. रामबहादुर सिंह के कृतित्व का बखान करते हुए कहा कि वे 1919 में स्वामी सहजानंद सरस्वती के संपर्क में आए और रॉलेट एक्ट का विरोध किया तो जेल जाना पड़ा।
बाद में कोसी सेवक दल का गठन किया। खादी ग्रामोद्योग की स्थापना की। देश की आजादी में महात्मा गांधी के साथ इनलोगों ने काफी बड़ी भूमिका निभाई थी। 49 वर्ष की आयु में मृत्यु के बाद पुत्र पद्मानंद सिंह ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया।
आनंद मोहन और हम 1995 तक साथ थे: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने आनंद मोहन और लवली आनंद की चर्चा करते हुए कहा कि हमलोग 1995 तक साथ थे। बाद में अलग हुए। आनंद मोहन को जो राजनीति करनी है करें, जो मन करे करिए। समस्या आएगी तो सहयोग करते रहेंगे। सभा को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व सांसद लवली आनंद, विधायक चेतन आनंद आदि ने संबोधित किया।
सहरसा में प्रतिमा अनावरण के दौरान मौजूद सीएम नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, पूर्व सांसद आनंद मोहन और लवली आनंद।