No Confidence Motion: ‘गठबंधन को I.N.D.I.A नाम देने से नहीं होगा भला, अविश्वास प्रस्ताव पर पछताएगी कांग्रेस’, संसद में बोले किरेन रिजिजू
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा हो रही है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव को पेश किया है। कांग्रेस की तरफ से बहस की शुरुआत पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने की। उन्होंने कहा कि पीएम मणिपुर की घटना पर चुप क्यों हैं। बता दें कि चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है। बीजेपी को चर्चा में भाग लेने के लिए लगभग सात घंटे का समय मिलेगा। कांग्रेस पार्टी के लिए लगभग एक घंटा 15 मिनट का समय आवंटित किया गया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, जेडीयू, बीजेडी, बीएसपी, बीआरएस और एलजेपी को कुल 2 घंटे का समय दिया गया है। पीएम मोदी 10 अगस्त को इस पर जवाब दे सकते हैं।
विपक्ष पर बरसे किरेन रिजिजू
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान लोकसभा में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरन रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर के कई लोगों को दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नस्लीय भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ा था। 2014 के बाद हालात बदले और आजादी के बाद पहली बार गुवाहाटी में डीजीपी कॉन्फ्रेंस हुई। इस बैठक के दौरान पीएम ने निर्देश दिया कि पुलिस पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
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I.N.D.I.A नाम रख लेने से कुछ नहीं होगा: किरेन रिजिजू
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि पूरा विपक्ष वास्तव में भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर पछताएगी कांग्रेस- किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना मत रखा। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत गलत समय पर लाया गया है। कांग्रेस को बाद में इसका पछतावा होगा।
राज्यसभा में पारित हुआ भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023
राज्यसभा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम, 2017 में संशोधन के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया। इससे पहले विधेयक 4 अगस्त को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
बीजेडी ने बताई बीजेपी को समर्थन देने की वजह
बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कांग्रेस पार्टी जीतते हुए हारने में माहिर है। वे अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी बहुत माहिर हैं। वे जानते हैं कि जब भी प्रधानमंत्री सदन में बोले, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाला है। यह सामान्य ज्ञान, तर्क, राजनीतिक समझ को खारिज करता है। इस देश के लोग तय करेंगे कि प्रधानमंत्री का न बोलना सही था या गलत। आपको मामले को लोगों के पास ले जाना होगा।