हर ओर जलभराव का कोहराम था। दूतावास, उच्चायोग व राज्यों की भवनों के लोग त्राहिमाम करते दिखे। स्थिति यह कि राहत व बचाव अभियान में एनडीआरएफ को भी उतरना पड़ा। इसके साथ ही संसद के आस-पास की सड़कें तक जलमग्न थी तो संसद के भीतर दिल्ली के जलभराव की चर्चा रही।
राजधानी में विभिन्न एजेंसियों की नाकामी का खामियाजा दिल्ली वालों को झेलना पड़ रहा है। प्रगति मैदान टनल व मिंटो ब्रिज के साथ 10 से अधिक अंडरपासों में पांच से सात फीट तक पानी भर गया, जिससे न सिर्फ यातायात थम गया, बल्कि उसमें 20 से अधिक गाड़ियां डूब गईं।
इसी तरह, विभिन्न मार्गों पर तीन से चार फीट के जलभराव से 100 से अधिक डीटीसी की बसें, ट्रक, कारें व दो पहिया वाहन फंस गए, जिसके चलते जाम की समस्या और भीषण हो गई। कई स्थानों पर पेड़ व गिरे बिजली के खंभों ने यातायात संबंधित परेशानी बढ़ाई। जिसके चलते कइयों की ट्रेनें व हवाई यात्रा छूटी तो कई एंबुलेंस में मरीजों की सांसें अटकी रही।
राजधानी की अधिकतर सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति रही। जीटी करनाल हाई-वे पर तीन से चार किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। विकास मार्ग लक्ष्मी नगर से लुटियंस दिल्ली तक घंटों जाम से थमा रहा। ऐसे में कई लोग पैदल ही आगे का सफर तय करते दिखे। कई जगहों पर सड़कें भी धंस गईं।
बाजार जैसे छेत्रो मे जलभराव से करोड़ों की क्षति
दिल्ली के तमाम इलाके कनाट प्लेस, चांदनी चौक, नई सड़क, बल्लीमारान, दरीबा कलां, सदर बाजार, खान मार्केट, कमला नगर, भोगल, निजामुद्दीन समेत अन्य बाजारों की दुकानों में पानी भर गया। नरेला अनाज मंडी में खुले में रखे सैकड़ों क्विंटल अनाज पानी में भीग गए। अनुमान है कि एक दिन की वर्षा व कारोबारी प्रतिष्ठानों में जलभराव से व्यापारियों का 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है
इन मार्गों पर रहा जाम
विकास मार्ग, आइटीओ, रिंगरोड, राजघाट, मथुरा रोड, एम्स, जंगपुरा, कश्मीरी गेट बस अड्डा, आनन्द विहार, जीटी करनाल हाई-वे, नरेला, सिंघु बार्डर, किराड़ी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, मुंडका, बादली, सिरसपुर, लिबासपुर, रोहिणी स्थित केएन काटजू मार्ग, नजफगढ़, हस्तसाल, उत्तम नगर, बदरपुर, महारानी बाग व संत नगर समेत अन्य प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति रही।