उत्तरकाशी में महापंचायत पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज, जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी
उत्तरकाशी में कल यानी 15 जून को होने वाली महापंचायत पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। याचिकाकर्ता ने महापंचायत पर रोक लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत पर रोक से इनकार किया है। महापंचायत के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट या फिर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी है।
डीजीपी की सख्त चेतावनी
उधर, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। हम राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो लोग कानून तोड़ने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन से नहीं मिली महापंचायत की अनुमति
बता दें कि प्रशासन से भी 15 जून को होने वाली महापंचायत की अनुमति नहीं मिली है। विश्व हिंदू परिषद और प्रधान संगठन की ओर से इसकी अनुमति मांगी गई थी। साथ ही पुरोला में धारा 144 लागू करने की तैयारी की जा रही है।
क्या बोले सीएम धामी?
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने लोगों से कहा है कि आप शांति व्यवस्था बनाए रखें। कोई भी कानून को अपने हाथों में ना लें। अभी तक जितनी भी घटनाएं हुई हैं, प्रशासन ने उस पर सही तरह से काम किया है। अभी तक मारपीट या लूटपाट जैसी कोई घटना नहीं हुई है। अगर कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कानून काम करेगा
President of Jamiat Ulama-i-Hind Maulana Mahmood Madani Sb. has expressed deep concern over the open threat of expulsion of the Muslim community in Uttarkashi Uttarakhand. In this regard, Maulana Madani wrote a letter to the Union HM @AmitShah & Uttarakhand CM @pushkardhami,… pic.twitter.com/ZsAjYuIVER
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) June 13, 2023
क्या है मामला?
बीती 26 मई को बिजनौर निवासी जितेंद्र सैनी और उवेस खान ने पुरोला में एक नाबालिग लड़की को भगाने का कथित प्रयास किया था। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने युवकों को पकड़ लिया था। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। घटना के बाद से पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान नहीं खुल पाई है। पुरोला में 30 से अधिक दुकानें पिछले 18 दिनों से बंद हैं, जबकि 14 व्यापारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं।