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गर्भवती महिलाएं पहली तिमाही में रखें विशेष ध्यान

कोरोना के संक्रमण के दौर में सतर्क रहने की जरूरत

गर्भस्थ शिशु की वृद्धि व विकास को देखभाल जरूरी

बांका, 25 नवंबर

कोरोना के संक्रमण को लेकर वैसे तो सभी लोग सतर्कता बरत रहे हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. गर्भावस्था की पहली तिमाही एक महत्वपूर्ण चरण है और इस समय भ्रूण तेजी से विकसित होता है और वह बहुत नाजुक भी होता है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया, गर्भधारण के साथ ही एक नई जिंदगी शुरू हो जाती है, इसलिए गर्भावस्था में बहुत जरूरी है कि महिलाओं का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाए. मां और उनके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल, उन्हें जरूरी परामर्श देना और साधन उपलब्ध कराना, प्रसव पूर्व देखभाल जरुरी है. साथ ही बताया, आमतौर पर प्रसव बिना किसी समस्या की हो जाती है, लेकिन कई बार अचानक और अप्रत्याशित समस्याएं सामने आ सकती हैं. इसलिए विशेष ख्याल रखना जरूरी है.

पौष्टिक आहार लें: डॉ. चौधरी कहते हैं कि गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना और उनका हल निकालना महत्वपूर्ण है. गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु को प्रसव के पहले पोषण और विटामिन की जरूरत होती है. मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में जन्म दोष को रोकने के लिए प्रसव पूर्व के विटामिन्स की रोजाना खुराक लेनी होती है.फोलिक एसिड ऐसा ही एक विटामिन है.

प्रसव पूर्व देखभाल नहीं होने पर बढ़ सकती है जटिलताएँ: प्रसव पूर्व जांच होने से संभावित जटिलताओं को पहचाना जा सकता है. इससे माता के साथ जन्म लेने वाले शिशु को भी खतरा बढ़ सकता है. गर्भवती माताओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. जिसमें अत्यधिक रक्तचाप, मधुमेह, एनीमिक एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच कराने की बेहद जरूरत है. साथ ही इस दौरान बेहतर पोषण से भी सुरक्षित प्रसव की संभावना बढ़ जाती है.  

समय पर कराएं जांच: साथ ही गर्भवती महिला को महसूस होने वाली असुविधा पर नजर रखने और उसे दूर करने के लिए जांच जरूरी है. इसमें खुद गर्भवती को शिक्षित किया जाता है कि किस तरह स्वच्छता बनाए रखें, ताकि बच्चे के विकास में बाधा न आए. गर्भावस्था के दौरान शरीर के महत्वपूर्ण संकेतों पर ध्यान देने की जरूरत है. शरीर का तापमान क्या है, ब्लड प्रेशर सामान्य है या नहीं इसकी जांच कराते रहना चाहिए. सरकारी अस्पतालों में गर्भवती माताओं के लिए निःशुल्क प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध है. प्रसव के पहले कम से कम 4 प्रसव पूर्व जांच जरूरी है. कोरोना काल में भी यह सुविधा बहाल की गयी है. साथ ही ग्रीन जोन एवं बफर जोन के अलावा ग्रामीण स्तर पर भी आरोग्य दिवस का आयोजन कर प्रसव पूर्व जांच की सुविधा गर्भवती माताओं को मुहैया करायी जा रही है.

 कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल: 
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की  दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें 
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें 
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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