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डेटा सेंटर बिजनेस में उतरी रिलायंस इंडस्ट्रीज, ब्रुकफील्ड से की साझेदारी

ब्रुकफील्ड और डिजिटल रियल्टी की भारत में स्थित कंपनियों में रिलायंस 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा।

प्रस्तावित निवेश 378 करोड़ रुपये का है। इस निवेश के बाद नई संयुक्त कंपनी का नाम डिजिटल कनेक्शन ए ब्रुकफील्ड जियो और डिजिटल रियल्टी कंपनी होगा। फिलहाल ये कंपनी चेन्नई और मुंबई के प्रमुख स्थानों में डेटा सेंटर विकसित कर रही है। (फोटो – जागरण फाइल) भारत में डेटा सेंटर विकसित करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल रियल्टी में निवेश की घोषणा की है। ब्रुकफील्ड और डिजिटल रियल्टी की भारत में स्थित कंपनियों में रिलायंस 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। प्रस्तावित निवेश 378 करोड़ रुपये का है। जिसे जरूरत के मुताबिक बाद में 622 करोड़ रु तक बढ़ाया जा सकता है। सौदा रेगुलेटरी अनुमोदन के अधीन है और करीब 3 महीने में इसके पूरा होने की उम्मीद है।

डेटा सेंटर करोबार में रिलायंस किया निवेश

भारत में डिजिटल रियल्टी ट्रस्ट और ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर का संयुक्त उद्यम डिजिटल सेवा कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को विकसित करता है। यह सयुंक्त उद्यम उच्च-गुणवत्ता वाले, उच्च-कनेक्टेड और जरूरत के मुताबिक स्केलेबल डेटा सेंटर लगाता है। इस सौदे के बाद रिलायंस इस संयुक्त उद्यम में एक समान पार्टनर बन जाएगी। ‘डिजिटल कनेक्शन: ए ब्रुकफील्ड, जियो और डिजिटल रियल्टी कंपनी’ के नाम से इस नए सयुंक्त उद्यम को दोबारा से रिब्रांड किया जाएगा।

चेन्नई और मुंबई में बनाया जा रहा डेटा सेंटर

सयुंक्त उद्यम (जेवी) अभी चेन्नई और मुंबई के प्रमुख स्थानों में डेटा सेंटर विकसित कर रहा है। रिलायंस ने एक बयान में कहा कि चेन्नई में 100 मेगावाट परिसर में जेवी का पहला 20 मेगावाट (मेगावाट) ग्रीनफील्ड डेटा सेंटर (एमएए10) 2023 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। जेवी ने हाल ही में 40 मेगावाट डेटा सेंटर बनाने के लिए मुंबई में 2.15 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की घोषणा की थी।

सौदे के बारे में जियो प्लेटफ़ॉर्म लिमिटेड के सीईओ किरण थॉमस ने कहा, “हम डिजिटल रियल्टी और हमारे मौजूदा और विश्वसनीय भागीदार ब्रुकफील्ड के साथ साझेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह साझेदारी हमें अपने उद्यम और SMB ग्राहकों को क्लाउड से वितरित अत्याधुनिक, प्लग-एंड-प्ले समाधान प्रदान करने और उनके डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करने और उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी और कुशल बनाने में मदद करेगी।

हम डेटा केंद्रों को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने और उनके विकास और संचालन के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं। जो 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के भारत के दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण है।“

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