विष्णुपद मंदिर में मंत्री इसराइल मंसूरी के प्रवेश पर बयानबाजी तेज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सोमवार की दोपहर विश्व विख्यात विष्णु पद मंदिर के गर्भगृह में बिहार सरकार के सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी के प्रवेश मामला गरमा गया है। मंदिर से जुड़े पंडा समाज में इसे लेकर गुस्सा है।प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभु लाल बिठ्ठल ने भगवान विष्णु से क्षमा मांगी, पहले गर्भगृह को गंगा जल से धोया फिर भगवान को भोग लगाया गया।मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि हमें इस बात की बिलकुल भी जानकारी नहीं थी कि मुख्यमंत्री के साथ कोई एक मंत्री ऐसा है जो कि मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही लिखा है कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। उन्होंने कहा कि इस बड़ी चूक के लिए न केवल हम भगवान से क्षमा मांग रहे हैं, बल्कि समाज के लोगों से भी क्षमा मांग रहे हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार की दोपहर रबर डैम का निरीक्षण करने गया आए थे। उनके साथ जिले के प्रभारी मंत्री इसराइल मंसूरी भी थे मुख्य सचिव आमिर सुहानी भी मुख्यमंत्री के साथ थे। उन्हें इस बात की जानकारी थी कि इस मंदिर में मुस्लिम का प्रवेश नहीं है तो वे बाहर रुक गए। लेकिन इसराइल मंसूरी नीतीश कुमार के साथ गर्भगृह तक पहुंच गए। न तो उन्हें किसी ने बताया और न ही उन्हें रोका गया।यही नहीं प्रभारी मंत्री भी नहीं रुके। जबकि उन्हें खुद रुक जाना चाहिए था। यहां तक चंदन सिंह भी ने उन्हें ऐसा करने से मना नहीं किया। जबकि उनका मंदिर क्षेत्र में ही पैतृक घर है। वो धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य भी हैं। मुख्यमंत्री के भगवान विष्णु की पूजा अर्चना में जुटे और इसराइल मंसूरी उनके पीछे हाथ पर हाथ रख कर खड़े रहे। पूजा के बाद मुख्यमंत्री रबर डैम का निरीक्षण के लिए निकल पड़े। और मीटिंग के बाद पटना के लिए रवाना भी हो गए।मुख्यमंत्री जैसे ही मंदिर से पूजा कर के निकले। सोशल मीडिया पर ये फोटो वायरल हो गई। जिस फोटो को वायरल किया गया उसमें इसराइल मंसूरी साफ दिख रहे हैं। यह बात धीरे-धीरे कानों-कान देर शाम पंडा समाज तक पहुंच गई। इसके बाद तो यह मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा सदियों की परंपरा तोड़े जाने का हवाला देते हुए पंडा समाज मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के समक्ष अपनी बात पूरी तल्खी के साथ रखी। आनन-फानन में मंदिर के गर्भ गृह को पवित्र जल से शुद्ध कराया गया। साथ ही मंदिर परिसर की साफ-सफाई कराई गई।इसके बाद विधिवत भोग लगाए गए। मंदिर में मुस्लिम के प्रवेश को लेकर पंडा समाज बुरी तरह व्यथित है। मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष का कहना है कि इससे हमारी भावना को ठेस पहुंची है।