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Take care of children's health in the changing season
देश

बदल रहे मौसम में बच्चों की सेहत का रखें ख्याल

  • सावधानी बरतकर परिजन बच्चे को रख सकते हैं स्वस्थ
  • उतार-चढ़ाव वाले ऐसे मौसम में नहीं करें लापरवाही

बांका, 30 अक्टूबर

मौसम में बदलाव हो रहा है. लगभग 1 सप्ताह से तापमान नीचे गिर रहा है. इस वजह से ठंड का एहसास भी होने लगा है. ऐसे में बीमारियों का भी खतरा रहता है. इस वजह से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. खासकर बच्चों की देखभाल को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि मौसम में बदलाव की वजह से हर वर्ग के लोगों को परेशानी होती है, लेकिन बच्चों का विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है. ऐसे मौसम में अगर बच्चों की सही तरीके से देखभाल नहीं होती है तो उसे एलर्जी की समस्या हो सकती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ के साथ सर्दी और खांसी की भी परेशानी हो सकती है. इससे बचने का एकमात्र उपाय परहेज है. बच्चे के मां-बाप को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

खान-पान का रखें ख्याल: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि हम बच्चों के भोजन का सही तरीके से ध्यान रख कर उसे कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं. इस मौसम में बच्चे को बासी या फिर ठंडा खाना नहीं दें. उसे हमेशा ताजी और गर्म खाना ही दें. इस बात का ध्यान रखें कि आइसक्रीम और अन्य ठंडी चीजों का सेवन बच्चे नहीं करे. इससे एलर्जी की समस्या बढ़ती है. साथ ही पानी को भी उबालकर पिलाएं.

गर्म कपड़े पहनाकर रखें: अभी के माहौल में कभी सर्दी तो कभी गर्मी का एहसास होने लगता है. जब गर्मी का एहसास होता है तो बच्चे गर्म कपड़ों को उतार देते हैं. परिजन को इस पर ध्यान देना चाहिए. इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. दरअसल, मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से कब सर्दी लगेगी और कब गर्मी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. इसलिए बेहतर यही रहेगा कि हमेशा गर्म कपड़े बच्चे को पहना कर रखें.

खांसी या छींक आने वाले के संपर्क में दूसरे बच्चे को नहीं आने दें: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि अगर किसी बच्चे को खांसी है या फिर छींक आ रही हो तो उस बच्चे के संपर्क में दूसरे बच्चे को नहीं आने दें. साथ रहने पर दूसरा बच्चा भी संक्रमित हो सकता है. इसलिए अगर घर में एक से ज्यादा बच्चे हो और एक संक्रमित हो गया हो तो दोनों को अलग-अलग रखने की कोशिश करें.

ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर से करें संपर्क: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि अगर बच्चे को ज्यादा परेशानी हो तो खुद से दवा देने की भूल ना करें. वैसे तो किसी भी उम्र के लोगों को बिना डॉक्टर को दिखाए दवा नहीं देनी चाहिए. लेकिन बच्चों के मामलों में ऐसी भूल नहीं करनी चाहिए. इसलिए अगर किसी तरह की कोई परेशानी हो तो बच्चे को डॉक्टर से दिखा कर ही दवा लें.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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