तेजस्वी यादव ने अपने ही विधायकों को दे डाली चेतावनी
लोकसभा चुनाव में 19 सीटों पर हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई राजद की बैठक में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 2025 में राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाने का टास्क दिया। समीक्षा तीन दिनों से हो रही थी। समापन शुक्रवार की रात में हुआ।
जातियों के वोट पर बोले तेजस्वी
इस बैठक में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि बेशक इतनी सीटों पर हार चिंताजनक है। लेकिन, हम अपनी कमजोरियों की पहचान कर जनता के बीच जाएं तो राज्य में अगली सरकार हमारी होगी। वह 15 अगस्त के बाद पदयात्रा करेंगे। जीते और हारे उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में आभार यात्रा शुरू कर दें। कभी यह न कहें कि अमुक जाति ने वोट नहीं दिया। बल्कि सभी जातियों के प्रति आभार प्रकट करें। सभी जातियों का कम या अधिक वोट मिले बिना राजद का वोट प्रतिशत इतना नहीं बढ़ता।
बोले- बस दो महीने का समय दे रहे
तेजस्वी ने उन विधायकों को चेतावनी दी, जिनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार की हार हुई है। कहा कि दो महीने का समय दे रहे हैं। क्षेत्र का सघन भ्रमण कर पता लगाएं कि वोट कम क्यों पड़े। कारणों की पड़ताल कर निदान कीजिए। ऐसा नहीं कर पाए तो विधानसभा चुनाव में टिकट देने से पहले पार्टी विचार करेगी।
बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, लोकसभा प्रभारी, जिलाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव के सभी उम्मीदवार शामिल हुए। बैठक के दौरान कई उम्मीदवारों ने साधनों की कमी, उम्मीदवारों के चयन में अदूरदर्शिता और पार्टी से बाहर के लोगों को टिकट देने का मुद्दा उठाया।
तेजस्वी ने सवाल पूछ कर ही जवाब दिया।उन्होंने कहा कि माले के पास कितना साधन था कि उसके तीन में से दो उम्मीदवार चुनाव जीत गए। लोजपा के उम्मीदवार कितने पुराने और उनके दल के थे कि सभी पांच सीटों पर उनकी जीत हुई। अन्य दलों में दूसरे दलों से आए उम्मीदवार किस तरह चुनाव जीते?
तेजस्वी ने समीक्षा में अपना दृष्टिकोण भी रखा
तेजस्वी ने समीक्षा में अपना दृष्टिकोण भी रखा। उन्होंने कहा कि किसी सभा में मंच पर बैठने की हमारे नेताओं की लालसा से भी नुकसान हुआ।सहयोगी दलों के नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली। हम जहां कहीं गए, जिले के सभी नेता हमारे आसपास खड़े रहे।
हमारे पास भीड़ लगाने के बदले आप जनता के बीच जाएं। उन्होंने अपनी पदयात्रा के बारे में भी कहा कि इसमें वही नेता शामिल होंगे, जिन्हें बुलाया जाएगा। यह अच्छा नहीं है कि हर जगह कुछ लोग घेर कर खड़े रहें और दूसरे लोग हमारे पास आ ही नहीं पाएं।