‘बस का फटा टायर और लग गई आग , किसी तरह शीशा तोड़कर बाहर निकले यात्री :
‘बस का फटा टायर और लग गई आग ,’ 25 की मौत ; यात्री ने सुनाई आपबीती
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात एक भीषण बस हादसा हो गया। नागपुर से पुणे जा रही एक बस में आग लग गई। इस दुर्घटना में 25 लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोग घायल हो गए। कई लोगों ने जलती बस से किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचाई।
यात्री ने किसी तरह बचाई जान
इस बस में सवार एक यात्री ने कहा कि वे और कुछ अन्य लोग जलती हुई बस से किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहे। शख्स ने बताया कि उसने बस की पिछली खिड़की तोड़ी, जिसके बाद बाहर निकल सका।
बस में आग लगने से जिंदा जले 25 यात्री
बता दें कि यह हादसा बुलढाणा में सिंदखेडराजा के पास समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हुआ। ये बस नागपुर से पुणे जा रही थी, जो शुक्रवार रात करीब 1.30 बजे डिवाइडर से टकरा गई और हादसे का शिकार हो गई। बस में 33 यात्री सवार थे, जिनमें से 25 की मौत हो गई
यात्री ने सुनाई आपबीती
इस हादसे से जीवित बचे व्यक्ति ने कहा
बस का एक टायर फट गया और वाहन में तुरंत आग लग गई। आग कुछ ही समय में फैल गई। मेरे बगल में बैठा यात्री और मैं पीछे की खिड़की तोड़कर भागने में सफल रहे।
एक अन्य यात्री ने कहा
मैं विदर्भ ट्रेवल की बस में बैठा था। हमारी गाड़ी समृद्धी पर दुर्घटनाग्रस्त हुई और गाड़ी पलटने के तुरंत गाड़ी में आग लग गई। हम तीन-चार लोग शीशा तोड़कर बाहर आए। हमारे बाहर आते ही गाड़ी में धमाका हो गया। फायर टीम घटना के 10-15 मिनट बाद आई और आग पर काबू पाया
खिड़की तोड़कर यात्रियों ने बचाई अपनी जान
जीवित बचे व्यक्ति ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गईं। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि चार से पांच यात्री बस की एक खिड़की तोड़कर भागने में सफल रहे, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सकता था।
घायल यात्रियों का चल रहा इलाज
उन्होंने कहा कि अगर राजमार्ग से गुजर रहे वाहन मदद के लिए रुकते तो और लोगों की जान बचाई जा सकती थी। पुलिस ने कहा कि बस हादसे में जीवित बचे आठ लोगों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है और वे सुरक्षित हैं
स्थानीय निवासी ने कहा
पिंपलखुटा में इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं होती हैं। हमें मदद के लिए बुलाया गया था और जब हम वहां गए, तो हमने भयानक स्थिति देखी। टायर अलग हो गए थे। अंदर लोग खिड़कियां तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। हमने देखा कि लोग जिंदा जल रहे हैं…आग इतनी भीषण थी कि हम कुछ नहीं कर सके। हम रो रहे थे।