100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखी थी ये धमकी,’मेरा अगला Target मुकेश धीरूभाई अंबानी है’
अगर आपसे सवाल किया जाए कि मंदिर के दानपेटी से क्या निकलता है, तो मुमकिन है कि आप इस सवाल को सुनते ही मेरी समझदारी पर सवालिया निशान लगा सकते हैं। लेकिन फिर भी मेरा सवाल यही है कि आखिर मंदिर के दानपेटी से ज्यादा से ज्यादा क्या निकल सकता है? तब यही जवाब सामने आ सकता है कि दानपेटी से सिक्के रुपये जेवर और इसी तरह की दूसरी चींजे ही सामने आ सकती हैं, बहुत ज्यादा हुआ तो कोई हीरा पन्ना या कोई महंगा रत्न भी निकल सकता है क्योंकि कोई धन्ना सेठ ऐसा दान कर सकता है। लेकिन अगर हम ये कहें कि कभी कभी दान पात्र धमकी भी देता है, तो मुमकिन है आपको यकीन न हो,
स्टाम्प पेपर पर धमकी
तो हम आपको मध्य प्रदेश के एक मंदिर लिए चलते हैं जहां के दानपात्र ने धमकी भरी पर्ची उगली है। बल्कि उसे धमकी भरी पर्ची कहना गलत होगा, एक 100 रुपये का स्टॉम्प पेपर निकला है, जिस पर धमकी लिखी हुई है। ये कोई मामूली धमकी नहीं थी और न ही ये धमकी किसी मामूली हैसियत के लिए थी। बल्कि ये धमकी थी देश के सबसे बड़े धन्नासेठ और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी को।
दानपात्र से निकला था 100 रुपये का स्टाम्प पेपर
जी हां मध्य प्रदेश के मंदिर के दान पात्र से मुकेश अंबानी को धमकी भरा स्टांप पेपर निकलकर सामने आया तो चारो तरफ हड़कंप मच गया। ये किस्सा सामने आया मध्य प्रदेश के ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर से। सोमवार को जब अचलेश्वर महादेव की दान पेटी खोली गई तो तमाम रुपये पैसों के बीच से वहां के पुजारियों को एक स्टांप पेपर भी मिला। 100 रुपये के इस स्टॉम्प पेपर पर लिखा हुआ था कि मेरा अगला टार्गेट मुकेश धीरूभाई अंबानी है। जबकि उसी स्टॉम्प पेपर पर एक पता भी लिखा हुआ था। मनोज शर्मा पुत्र रामेश्वर दयाल शर्मा निवासी बालाजी विहार गुढ़ी गुढ़ा का नाका, कंपू ग्वालियर।
धमकी का स्टाम्प पेपर देखकर हड़कंप
इस स्टॉम्प पेपर को देखकर मंदिर एडमिन में बुरी तरह से हड़कंप मच गया। क्योंकि मामला ही ऐसा था तब मंदिर प्रशासन ने उस स्टॉम्प पेपर को पुलिस के हवाले करने का इरादा किया और पुलिस को इस स्टॉम्प पेपर की पूरी कहानी बता दी। ये बात तो किसी से छुपी है नहीं कि मुकेश अंबानी हिन्दुस्तान के टॉप के रईस हैं जबकि उनका शुमार दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होता है। इतना ही नहीं मुकेश अंबानी की क्या हैसियत और क्या पहुँच है ये बात अब तो कम से कम भारत और दुनिया में किसी से छुपी हुई नहीं है।
धमकी को लेकर उलझ गई पुलिस
जाहिर है किसी मंदिर के दानपात्र से ऐसी कोई धमकी के सामने आने के बाद हड़कंप का मचना लाजमी है। सवाल उठता है कि क्या जिसने धमकी दी है उसी ने इस स्टॉम्प पेपर को ही मंदिर के दानपात्र में डाला। पुलिस भी इसी सवाल को लेकर उलझी हुई है। हालांकि पुलिस ने उस स्टाम्प पेपर पर लिखे पते को भी निशाने पर लिया है लेकिन अब तक की जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक स्टाम्प पेपर पर लिखा पता गलत है। हालांकि मंदिर में सीसीटीवी लगे हुए हैं पुलिस उन सीसीटीवी की फुटेज को भी खंगालने में लगी है, लेकिन ये किस दानपात्र से निकला अभी तक ये साफ नहीं हो सका।
मंदिर के 14 दानपात्र खोले गए थे
सोमवार को अचलेश्वर संचालन समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश एन के मोदी के निर्देशन पर बैंक के रिटायर्ड कर्मचारियों ने मंदिर में लगे 14 दानपात्रों के ताले खोले थे। उन दानपात्रों से जो कुछ भी निकला उसे पहले एक जगह इकट्ठा किया गया। फिर उसमें से निकले तमाम नोटों को छांट छांटकर उनकी गड्डियां बनाई गई। इसके बाद दानपात्र से निकले सिक्कों को एक जगह इकट्ठा किया गया। उसके बाद उन्हीं दानपात्रों में कुछ श्रद्धालुओं की शिकायती अर्जियां भी पड़ी हुई थीं जिसमें हर किसी ने अपनी तकलीफों को चिट्टी के जरिए भगवान के पास तक पहुँचाने की कोशिश की थी। जिसे लोगों ने सुविधाजनक तरीके से दानपात्र में डाल दिया था।
भक्तों की अर्जियों की भीड़ में छुपी धमकी
उन्हीं चिट्ठियों की पुर्ची की भीड़ में से पुजारियों को ये स्टाम्प पेपर मिला जिसमें मुकेश धीरूभाई अंबानी के नाम एक धमकी लिखी हुई थी। धमकी मिलते ही मंदिर प्रशासन ने फौरन इसकी इत्तेला पुलिस को दे दी। अब ग्वालियर पुलिस एक्शन में। वो मंदिर के तमाम सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तो देख ही रही है। जबकि और दूसरे तौर तरीकों से ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर किसने धमकी भरा स्टाम्प पेपर मंदिर के दानपात्र में डाला।