Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Vigilance is necessary for the safety of life
देश

जिंदगी की सुरक्षा के लिए जरूरी है सतर्कता

 – सामान्य होती जिंदगी में न भूल जाएं संक्रमण का खतरा- नियमों को अपनाकर स्वयं के साथ समाज को रखें सुरक्षित- मास्क, शारीरिक दूरी और सतर्कता ही है बचाव का उपाय

  मुंगेर-

 जिले में आज कोरोना संक्रमण के बीच जनजीवन सामान्य हो चुका है। विभिन्न कार्य क्षेत्रों में गति देखी जा रही है। लोग आम दिनों की तरह बाजार और सड़कों पर रोजमर्रा के कामों और जरूरतों को लेकर निकल रहे हैं। हालांकि इस दौरान मुख्य बाजार और सड़कों पर तो सतर्कता देखी जाती है, लेकिन गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों पर सही से मास्क पहनने से लेकर शारीरिक दूरी जैसी जरूरी नियमों की अनदेखी भी देखी जा रही है। सवाल उठता है कि ऐसे वक्त में जब जिंदगी हर पल संक्रमण के खतरे की आशंका से जूझ रही है, तो क्या हम सभी को इस माहौल के बीच खुद को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं है।   समाज को सुरक्षित रखने की है जरूरत: मनोविज्ञान से मास्टर कर चुकी शाहीन शमिम कहती हैं कि, लॉकडाडन के बाद अब लोगों ने सामान्य जीवन यापन शुरू कर दिया है। बाजारों में आपको पहले की तरह चहल-पहल नजर आएगी। हालांकि इस दौरान घर से बाहर निकलने के बाद बरती जाने वाली असावधानी इंसान की अपनी मौलिक प्रवृत्ति से जुड़ी हो सकती है। वह कहती हैं कि, इंसान एक सामाजिक प्राणी है, जो अधिक समय तक नियमों में बंधे रहना पसंद नहीं करता। हालांकि सभी लोग ऐसे नहीं हैं। कुछ लोग जहां संक्रमण काल को देखते हुए और समय की मांग यानी शारीरिक दूरी का पालन, सही तरीके से मास्क लगाने आदि को नहीं भूलते। वहीं दूसरी ओर इसके उलट विचार वाले भी हैं। आज चुनौती ऐसे ही लोगों को संभालते और जागरूक करते हुए समाज को सुरक्षित रखने की है। उनके बारे में सोचें जो इससे प्रभावित हैं:दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर किंशुक पाठक कहते हैं, दरअसल, नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों में किसी तरह का फोबिया या डर नहीं पाया जाता। उन्हें समस्या को हल्के में लेने की आदत होती है। ऐसे लोग खुद को तमाम तरह के तर्क देकर अपने अहं को संतुष्ट करते रहते हैं। हो सकता है उन्हें उनकी अपनी सोच से कुछ समय के लिए तसल्ली मिलती हो। लेकिन उन्हें उनके बारे में भी एक बार अवश्य सोच लेना चाहिए जो इससे प्रभावित हो चुके हैं। जरा उनकी सोचिए, जिनका कोई अपना इसका शिकार हो चुका है। उन लोगों, परिवारों की पीड़ा को समझने की कोशिश कीजिए जो आज तक इससे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि जबतक आप सुरक्षित हैं और तकलीफ का दर्द नहीं समझ रहें हैं, समस्याओं को नजरअंदाज कर सकते हैं।  स्वयं करें पहले, आपके साथ दूसरे भी रहेंगे सुरक्षित:अब तक काविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। वैक्सीन और टीका पर काम विश्वस्तर पर जारी है। इसलिए अभी इसके प्रभाव में आने से बचने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करना ही एकमात्र उपाय है। यदि घर से लोग बाहर निकलते हैं और संक्रमण का लेकर सचेत हैं तो यह सबसे अच्छा है। यह बताता है कि लोगों को अपनी जिंदगी और अपनों से प्यार है। यही उन्हें स्वयं के साथ दूसरों की जिंदगी को सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित भी करता है। कोरोना काल में इन व्यवहारों को अपनाना है जरूरी:- सही जानकारी रखें, अफवाहों पर ध्यान और बढ़ावा ना दें।- अपने आसपास स्वच्छता और सफाई का ख्याल रखें।- समय-समय पर साबुन से अच्छी तरह हाथों को धोते रहें।- छींकने और खांसने के दौरान अपने मुंह पर रुमाल रखें।- जो बीमार रहते हैं उनका विशेष ख्याल और अलग कमरे में रखें।- बाजार, दुकान में लोगों से प्रर्याप्त शारीरिक दूरी बनाकर रखें।- बार-बार अपने चेहरे,नाक और आंखों को छूने से बचें।- सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ ना लगाएं।- अगर बुखार, खांसी और जुकाम की समस्या या अन्य कोई लक्षण नजर आए तो तुरंत जांच कराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *