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लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A गठबंधन के साथ रहेंगे या नहीं? पत्रकारों के सवाल पर क्या बोले अखिलेश यादव

कांग्रेस पर विश्वासघात का आरोप लगाने के बाद अखिलेश यादव का कहना है अगर कांग्रेस (मध्य प्रदेश में) सीटें नहीं देना चाहती थी तो उन्हें यह पहले ही कहना चाहिए था। आज सपा केवल उन्हीं सीटों पर लड़ रही है जहां उसका अपना संगठन है। अखि‍लेश ने कहा कि अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर भरोसा कौन करेगा?

 मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया। जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। उस समय रात 1 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद हमें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में हमें लगभग 6 सीटें दी जा सकती हैं, लेकिन जब कांग्रेस की सूची आई तो हमारी जीती हुई सीटों पर भी उन्होंने प्रत्याशी घोषित कर दिया।

अखि‍लेश ने कहा, ”मजबूरी में समाजवादियों को अपने मजबूत क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए चुनाव लड़ाना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी केवल उन्हीं सीटों पर लड़ेंगे जहां हमारा संगठन है और जहां से हम भाजपा को हराना चाहते हैं।”

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगे या नहीं? क्‍या बोले अखि‍लेश

अखि‍लेश ने कहा, ”मध्य प्रदेश के बाद, मुझे पता है कि इंड‍िया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर (संसदीय) चुनाव के लिए है। अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर भरोसा कौन करेगा? अगर हम मन में भ्रम लेकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे तो हम सफल नहीं होंगे।” लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगे या नहीं? पत्रकारों के सवाल पर अखिलेश यादव बोले क‍ि देश का चुनाव आएगा तो बात की जाएगी।

अखि‍लेश ने कांग्रेस पर लगाया था धोखेबाजी करने का आरोप

इससे पहले गुरुवार को सपा प्रमुख ने कांग्रेस पर धोखेबाजी करने के आरोप लगाए थे। अखि‍लेश ने कहा था कि मध्य प्रदेश में I.N.D.I.A गठबंधन को सीट देने के आश्वासन के बाद अब कांग्रेस मुकर गई है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर दूसरे दलों को बेवकूफ बनाने की बात कहते हुए कहा ‘अगर हमें यह जानकारी होती कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं करेगी, तो हम अपने नेताओं को न ही वार्ता के लिए भेजते और न ही उनके फोन उठाते।’

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