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"किशोरों की विशाल क्षमता को अनलॉक किया जाना चाहिए; वे बिहार की आबादी का 22.5 प्रतिशत हैं” -जल्पा रत्न, चीफ ऑफ  फील्ड सर्विसेज, यूनिसेफ इंडिया  - Mobile News 24 ✓ Hindi men Aaj ka mukhya samachar, taza khabren, news Headline in hindi.
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“किशोरों की विशाल क्षमता को अनलॉक किया जाना चाहिए; वे बिहार की आबादी का 22.5 प्रतिशत हैं” -जल्पा रत्न, चीफ ऑफ  फील्ड सर्विसेज, यूनिसेफ इंडिया 

“किशोर विकास और सशक्तिकरण के लिए मजबूत अंतर-विभागीय समन्वय की है आवशयता ” – हरजोत कौर बुमराह, मिशन निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम 

बच्चों और किशोरों के समग्र विकास के लिए क्षेत्रीय हस्तक्षेपों को देखने के लिए यूनिसेफ की राष्ट्रीय टीम बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर 

“पूर्णिया में बिहार का पहला सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन प्रकोष्ठ सभी विभागों के समन्वय से संचालित होग””- डीएम पूर्णिया 

सिविल सर्जन अररिया को यूनिसेफ द्वारा सौंपा गया 600 लीटर ऑक्सीजन प्लांट 

पटना, 8 अप्रैल 2022 

तीन  दिन  के  बिहार  दौरे  पर  दिल्ली  से  आएं यूनिसेफ इंडिया की चीफ ऑफ फील्ड सर्विसेज, सुश्री जल्पा  रत्ना ने आज  सुश्री हरजोत कौर बुमराह, मिशन निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार सरकार के साथ मुलाकात क। उनके साथ सुश्री नफीसा बिंते शफीक, फील्ड ऑफिस की प्रमुख, यूनिसेफ बिहार और अन्य वरिष्ठ अधिकारि भी थे। 

लैंगिक -समानता पर एक मजबूत फोकस के साथ बिहार में किशोर सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए एमडी, डब्ल्यूसीडीसी द्वारा दिखाए गए नेतृत्व की सराहना करते हुए, सुश्री जल्पा रत्ना ने कहा, “मैं लैंगिक सशक्तिकरण के प्रति बिहार में सर्वोच्च नेतृत्व की प्रतिबद्धता देखकर बहुत उत्साहित हूं। बिहार उन् चुनिंदे राज्यों में से एक  है जो बच्चों और महिलाओं से संबंधित अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में लिंग-परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को शामिल करने की दिशा में ठोस प्रयास कर रहा है। 

सुश्री जल्पा ने कहा कि यूनिसेफ जन्म से लेकर वयस्कता तक सभी जीवन-चक्र चरणों में बच्चों और किशोरों के अधिकारों और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में सरकार का समर् करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देखकर खुशी होती है कि 22 जिलों में यूनिसेफ के  सहयोग  से  चल  रहा  उड़ान कार्यक्रम किशोर लड़कियों और लड़कों को बाल विवाह, बाल श्रम, दुर्व्यवहार और हिंसा के मुद्दों को हल करने में  सशक्त बना रहा है।। 

एमडी, डब्ल्यूसीडीसी, सुश्री हरजोत कौर बुमराह ने यूनिसेफ के तकनीकी  सहयोग  की सराहना की और कहा, “हम 38 जिलों में उड़ान पहल को बढ़ाने की परिकल्पना कर रहे हैं और यूनिसेफ को अधिक प्रभावी परिणामों के लिए कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने में हमारी सहयोग करना  होगा। हम बिहार के विकास आयुक्त के नेतृत्व में किशोर कार्यक्रमों के लिए एक मजबूत अंतर-विभागीय समन्वय तंत्र स्थापित करेंगे। सबसे हाशिए के किशोरों तक पहुंचने के लिए हम महादलित विकास निगम के साथ भी काम कर रहे हैं। 

यूनिसेफ की राष्ट्रीय टीम से फील्ड सर्विसेज की प्रमुख, सुश्री जल्पा रत्ना और सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन (एसबीसी) अनुभाग के प्रमुख, श्री सिद्धार्थ श्रेष्ठ बिहार राज्य में तीन दिवसीय दौरे पर है।  उनके साथ यूनिसेफ बिहार की प्रमुख, सुश्री  नफीसा बिंते शफीक, कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय और यूनिसेफ बिहार के वरिष्ठ अधिकारी भी थे ।  

पिछले दो दिनों में उन्होंने यूनिसेफ द्वारा समर्थित बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए विभिन्न हस्तक्षेपों को देखने के लिए पूर्णिया का दौरा किया और सरकारी अधिकारियों, फील्ड कार्यकर्ता, पीआरआई, पार्टनर-एनजीओ और बच्चों और किशोरों सहित समुदायों के साथ बातचीत की। 

सुश्री जल्पा रत्ना न, सीएफएस, यूनिसेफ इंडिया, ने अररिया के सिविल सर्जन डॉ विधान चंद्र सिंह को यूनिसेफ  की  और  से 600 लीटर ऑक्सीजन प्लांट सौंपा। 

टीम को कस्बा मिडिल स्कूल के बच्चों से मिलकर और उन्हें यूनिसेफ द्वारा प्रदान किए गए टैबलेट का उपयोग करते हुए देखकर बहुत खुशी हुई। यूनिसेफ ने पूर्णिया के कस्बा ब्लॉक में 100 टैबलेट (उनके पाठ्यक्रम के अनुसार पाठों के साथ प्री-लोडेड) के साथ 10 स्कूलों का समर्थन किया है, जो कक्षा IV से VII के 500 स्कूल जाने वाले बच्चों को और १६० स्कूल से छूटे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा  में लाने की  मदद कर रही  हैं। 

“महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। जिन बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस, फोन और इंटरनेट तक पहुंच नहीं है, वे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं”।  

जल्पा रत्ना ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस पायलट के परिणाम बिहार सरकार डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान देगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी बच्चा/बच्ची शिक्षा से वंचित न रहे”। 

यूनिसेफ की टीम ने पूर्णिया के जिला मजिस्ट्रेट श्री राहुल कुमार से मुलाकात की और उन्हें आकांक्षी जिलों के सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में जिलों के प्रदर्शन को सुधारने में  और बिहार में पहले  बाल अनुकूल पुलिस स्टेशन स्थापित करने में उनके अनुकरणीय नेतृत्व के लिए बधाई दी ।  

  

जिला मजिस्ट्रेट राहुल कुमार कुमार ने यूनिसेफ को उनके तकनीकी समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और यूनिसेफ टीम द्वारा की गई सभी टिप्पणियों और सिफारिशों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने पूर्णिया में बिहार के पहले सामाजिक व्यवहार संचार प्रकोष्ठ की स्थापना के लिए यूनिसेफ को बधाई दी और सभी विभागों के समन्वय के साथ ही  सेल के  संचालन को  सुद्रढ़ करने  का  आश्वासन दिया । 

यूनिसेफ की टीम ने अपने भ्रमण के दौरान मातृ एवं नवजात इकाई में पहला लक्ष्य प्रमाणित मॉडल लेबर रूम देखा ,विशेष और नवजात देखभाल इकाइयां; कंगारू मदर केयर (केएमसी) और पूर्णिया के जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र का भी दौरा किया।   

  

टीम ने जिला बाल संरक्षण इकाई, स्वाभिमान परियोजना, चाइल्ड  केयर संस्थान, पानी और स्वच्छता (WASH, आपदा से बचाव, और शिक्षा के क्षेत्र में ुनीसेफ के तकनीकी सहयोग से किये जा रहे हस्तक्षेपों  को देखा और उन्हें और प्रभावी बनाने पर जिले के विभिन्न अधिकारीयों के साथ विचार विमर्श किया।      

  

सुश्री जालपा ने महामारी के दौरान अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, जीविका दीदी, साथ ही सुरक्षा प्रहरी (सामुदायिक स्वयंसेवकों) और एनजीओ भागीदारों को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए बधाई दी। 

यूनिसेफ के अधिकारी श्री शिवेंद्र पांडेय, कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ पुष्पा जोशी, शिक्षा विशेषज्ञ, श्री रबी नारायण परी, पोषण विशेषज्ञ, डॉ साला सिद्धार्थ रेड्डी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, सुश्री मोना सिन्हा, एसबीसी विशेषज्ञ, सुश्री गार्गी साहा, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ श्री प्रभाकर सिन्हा, वॉश विशेषज्ञ और श्री बांकू बिहारी सरकार, आपातकालीन अधिकारी यात्रा के दौरान उपस्थित प्रमुख अधिकारी थे।

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