कोरोना के सक्रिय मरीज शून्य फिर भी रहें सतर्क
-स्वास्थ्य विभाग की मेहनत से जिले में कोरोना पर हुआ काबू
-जिले में अब एक भी कोरोना के सक्रिय मरीज नहीं, सभी स्वस्थ
बांका, 28 फरवरी
स्वास्थ्य विभाग की मेहनत की वजह से कोरोना की तीसरी लहर पर अब लगभग काबू पा लिया गया है। जिले में एक भी अब अस्वस्थ मरीज नहीं बचे हैं। सभी मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। तीसरी लहर के दौरान 1200 से अधिक कोरोना मरीजों की बेहतर तरीके से देखभाल और इलाज किया गया। इतना कुछ के बावजूद अभी भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी पर सतर्कता और टीकाकरण से ही काबू पाया जा सकता है। इसलिए सतर्क रहने का सिलसिला जारी रखें।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि अब कोरोना के कोई सक्रिय मरीज नहीं है। ऐसा सभी लोगों के सहयोग से हो पाया। स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने तो बेहतर काम किया ही, साथ में आमलोगों ने भी इसमें सहयोग किया। लोगों ने मास्क पहना, सामाजिक दूरी का पालन किया। कुल मिलाकर कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया। इसी का नतीजा है कि अब स्थिति बेहतर होती जा रही है। लेकिन कोरोना दोबारा पांव नहीं पसार सके, इसलिए अभी कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते रहने की जरूरत है। जरा सा भी लापरवाही लोग नहीं बरतें।
80 प्रतिशत से अधिक का हो गया है टीकाकरणः जिले के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। इसमें बहुत सारे लोगों ने कोरोना का दूसरा टीका भी ले लिया है। किशोर-किशोरी भी बड़ी संख्या में टीका लेने के लिए सामने आ रहे हैं। साथ में फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना टीका की प्रीकॉशन यानी तीसरी डोज भी दी जा रही है। जिले की एक बड़ी आबादी ने कोरोना का टीका ले लिया है। बहुत ही कम लोग टीका लेने के लिए बचे हैं। ऐसे बचे हुए लोग भी जल्द से जल्द टीका ले लें तो अच्छा रहेगा। अगर जिले के सभी लोग कोरोना का टीका ले लेंगे तो फिर से कोरोना के पांव पसारने का खतरा कम हो जाएगा।
लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करेः अगर कोई भी व्यक्ति बीमार पड़े तो उसे डॉक्टर के संपर्क में जाना चाहिए। अगर कोरोना के लक्षण दिखाई तो जांच कराकर डॉक्टर से सलाह लें। साथ ही बिना लक्षण वाले भी कोरोना के मरीज काफी संख्या में इस बार पाए गए। इसलिए कोई परेशानी हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करें, बल्कि डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाएं। खुद डॉक्टर बनने की लापरवाही भारी प़ड़ सकती है।