मुंगेर जिले में परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधनों को अपनाने वालों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 से खुलासा
- आंकड़ों के अनुसार मुंगेर का टोटल फर्टिलिटी रेट 3.4 से घटकर 3.0 पर आया
- जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के तहत मंगलवार को जिला के बरियारपुर पीएचसी से एएनएम ने निकाली जागरुकता रैली
मुंगेर, 13 जुलाई-
मुंगेर जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में काफी जागरूकता आई है। नवदम्पतियों सहित जिले के सभी लोगों में परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल के प्रति काफी उत्सुकता देखी जा रही है। काफी संख्या में लोग परिवार नियोजन के लिए दोनों साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले की टोटल फर्टीलिटी रेट 3.4 से घटकर 3.0 पर आ गयी है। टोटल फर्टिलिटी रेट को 3.0 से घटाकर 2.0 पर लाने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस 11 से 31जुलाई तक जिले भर में जोर-शोर से जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। मंगलवार को बरियारपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एएनएम ने जागरुकता रैली निकाली।
लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है-
केयर इंडिया की फैमिली प्लांनिग को – ऑर्डिनेटर तस्नीम रजि ने बताया कि जिले के लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है। इसका प्रमाण है कि अब सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन करवाने के लिए काफी संख्या में महिला और पुरुष पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले में परिवार नियोजन के लिए अन्य स्थाई और अस्थाई साधनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी काफी सुधार हुआ है। इसका खुलासा राष्ट्रीय परिवार सर्वे 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार हुआ है।
एनएफएचएस- 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में हुआ सुधार :
उन्होंने बताया कि एनएफएचएस 4- 2015 – 16 की तुलना में एनएफएचएस 5- 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार जिले में परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में सुधार हुआ है।
एनएफएचएस 4 की तुलना में एनएचएफएस 5 2019 – 2020 के आंकड़े इस प्रकार से हैं –
- परिवार नियोजन के लिए कोई भी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या 35.4% से बढ़कर 68.% हुई है।
- परिवार नियोजन के लिए कोई भी आधुनिक साधन अपनाने वाले लोगों कि संख्या 33.6% से बढ़कर 49.0% हो गई है।
- परिवार नियोजन के लिए महिला बंध्याकरण (फीमेल स्टरलाइजेशन) कराने वालों की संख्या 30.7% से बढ़कर 33.7% हो गई है।
- परिवार नियोजन के लिए पुरुष नसबंदी (मेल स्टरलाइजेशन) कराने वालों की संख्या 0.0% से बढ़कर 0.2% हुई है।
5.परिवार नियोजन के लिए आईयूडी,पीपीएयूडी साधन इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 0.3% से 0.6% हो गई है। - परिवार नियोजन के लिए पिल का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 0.3% से बढ़कर 3.1% हो गई है।
7.परिवार नियोजन के लिए कंडोम इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 1.7% से बढ़कर 8.6% हो गई है। - परिवार नियोजन के लिए सुई (इंजेक्शन) लगवाने वाली महिलाओं की कुल संख्या 0.4% से बढ़कर 1.1% हो गई है।
इसके साथ ही परिवार नियोजन के लिए सुविधाओं में हुआ सुधार 19.8% से बढ़कर 23.3% हो गया है।
उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार जिला में परिवार नियोजन के साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में भले ही बढ़ोतरी हुई है लेकिन जिले की टोटल फर्टिलिटी रेट अभी भी 3.0 से अधिक है। इसे 3.0 से घटाकर 2.0 पर लाने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक जिला भर में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को मुंगेर के बरियारपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एएनएम ने जनसंख्या स्थिरीकरण को ले जागरुकता रैली निकाली। इस अवसर पर बरियारपुर पीएचसी के एमओआईसी विजय कुमार, बीएचएम मो.अफाक , केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर आकाश कुमार और केयर इंडिया के आईसीटी संतोष कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे। इस दौरान दो बच्चों में कम से कम तीन साल के अंतराल के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।