सदर अस्पताल में बढ़ी सुविधाएं तो सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए आने लगी प्रसूति महिलाएं
- सदर अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम के निर्माण के बाद सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए बढ़ने लगा लोगों का विश्वास
- तकनीकी रूप से दक्ष एवं अनुभवी डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों कि सेवा भाव से अभिभूत हैं लाभार्थी
मुंगेर, 01 फरवरी| सदर अस्पताल मुंगेर में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम के निर्माण के बाद लाभार्थी प्रसूति महिलाओं की भीड़ उमड़ने लगी है। इसके साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष और अनुभवी डॉक्टरों, नर्सो, मेडिकल स्टाफ सहित सफाई और एंबुलेंस कर्मियों की सेवा भाव से भी लाभार्थी महिलाएँ और उनके परिवार वालों की सदर अस्पताल की सुविधाओं के प्रति सकारात्मक सोच बनी है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि से भी लोगों के रुझान ज़िले के सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़े हैं। मालूम हो कि सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के नियमित रूटीन चेकअप के साथ बच्चे के जन्म लेने के बाद भी नियमित टीकाकरण कि निःशुल्क व्यवस्था के साथ प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इसके अलावा लड़की के जन्म लेने पर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत भी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
सारी प्रक्रिया काफी आसानी और सुविधाजनक ढंग से होती-
मुंगेर के बरदह निवासी 65 वर्षीय मो. शमीम ने बताया कि मेरी लड़की चांदनी की डिलीवरी हुई है। यहां जांच से लेकर डिलीवरी तक सारी प्रक्रिया काफी आसानी और सुविधाजनक ढंग से होती है। हमलोगों को डॉक्टर से लेकर नर्स तक हर किसी का सहयोग मिला है। कहीं कोई परेशानी नहीं हुई। यहां सभी सुविधाएं बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध है। भर्ती होने के बाद मेरी लड़की को हॉस्पिटल की ओर से खाने के लिए दूध, केला, अंडा, चाय-बिस्कुट के अलावा खाना दिया गया। उन्होंने बताया हमारे बच्चों का जन्म घर में ही अनुभवी महिला द्वारा कराया गया था लेकिन अब बदलते समय के साथ सुरक्षित प्रसव के लिए हॉस्पिटल आना बहुत जरूरी है| ताकि जच्चा और बच्चा दोनों के जीवन की रक्षा हो सके| यहां मुझे लड़की के प्रसव कराने में काफी सहूलियत मिली है।
सुरक्षित संस्थागत प्रसव के अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम हैं –
सदर अस्पताल हॉस्पिटल मुंगेर के हॉस्पिटल डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. रामप्रीत सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल हॉस्पिटल में प्रसूति महिलाओं के सुरक्षित संस्थागत प्रसव के अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम कार्यरत कार्ररत है। यहां तकनीकी रूप से दक्ष और अनुभवी डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ कार्यरत हैं। ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम सहित प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात रूम की नियमित साफ-सफाई के लिए अनुभवी और कर्मठ सफाई कर्मी कार्ररत हैं। यही वजह है कि सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए जिले के लोग निजी हॉस्पिटल में नहीं जाकर सदर हॉस्पिटल आ रहे है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ही सदर हॉस्पिटल में ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम में दी जा रही सुविधाओं की कि गुणवत्ता जांच के लिए लक्ष्य अस्सेसमेंट अससेस्मेंट की स्टेट टीम सदर हॉस्पिटल आई थी। लक्ष्य अस्सेसमेंट अससेस्मेंट की कि पूरी टीम यहां दी जा रही सुविधाओं से संतुष्ठ सन्तुष्ट होकर गई है।
सभी सुविधाएं बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध-
मुंगेर शहर स्थित गुलजार पोखर से आई जेबुन्निसा ने बताया मेरी नत्नी ने लड़की को जन्म दिया है। वो हमेशा अपने परिवार में हर किसी की के प्रसव ( डिलीवरी) के लिए यहीं आती है। उन्होंने बताया कि यहां सभी सुविधाएं बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध है। इन्हीं इन्ही सुविधाओं के लिए निजी अस्पतालों में भारी भरकम फीस चुकानी पड़ती है। उन्होंने बताया कि मेरी 25 वर्षीय नत्नी मंताशा खातून ने एक बच्ची को जम्म दिया है। यहां मुझे किसी तरह कि कोई परेशानी नहीं हुई| सभी डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ का पूरा सहयोग मिल रहा है।
मुंगेर किला परिसर के पास रहने वाली मुन्नी देवी ने बताया कि मेरा लड़का श्रेयांश का जन्म सदर हॉस्पिटल में हीं हुआ है। यहां मिली सुविधाओं और स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग और अच्छे व्यवहार से सदर हॉस्पिटल और अन्य सरकारी हॉस्पिटलों के प्रति हम लोगों का विश्वास बढ़ा है। मैं अपने परिवार के इलाज के लिए यहीं आती हूँ। क्योंकि अब एम्बुलेंस की कि भी फ्री सुविधा उपलब्ध है।
इस सबंध में आशा मेहरुन्निसा ने बताया कि मैं मिर्जापुर बरदह क्षेत्र की आशा हूँ। मैं 2006 से काम कर रही हूँ। पहले लोग हम से अपनी गर्भवती बहू बेटियों को छुपाते थे लेकिन अब जागरूरुकता और सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर विश्वास होने की वजह से काफी सुधार हुआ है। लोग अब कॉल करके मुझे बुलाते हैं।