सरकार द्वारा डायरेक्ट सेलर्स की सुरक्षा और डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को जवाबदेह बनाने के लिए प्रस्ताव
दिल्ली:
लॉकडाउन के दौर में जहाँ डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री कमाई के बेहतर अवसर प्रदान कर रही हैं वहीँ इससे रोज़ हज़ारो लोग बतौर डायरेक्ट सेलर जुड़ रहे हैं। अल्टोस, एमवे, ओरिफ्लेम, टपरवेयर, वेस्टीज जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना जारी कि गई है जिसके तहत डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों और भारतीय बाजार में ऐसी अन्य सभी संस्थाओं को अपने एजेंटों से बिक्री प्रदर्शन के लिए कोई प्रवेश या पंजीकरण शुल्क या उपकरण और सामग्री की लागत वसूली नहीं जाएगी और इन दिशानिर्देशों का उलंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ कारवाही कि जाएगी। प्रस्तावित नियम के अनुसार किसी भी डायरेक्ट सेलिंग इकाई को “पिरामिड योजना” बताना और डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय की आड़ में “मनी सर्कुलेशन योजना” में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नए नियमों के अनुसार, भारत में कारोबार करने वाली प्रत्येक डायरेक्ट सेलिंग इकाई को उद्योग विभाग (DPIIT) के साथ पंजीकृत होना होगा और भारत में कम से कम एक कार्यालय होना चाहिए। पंजीकरण संख्या को अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। शिकायतों को दूर करने हेतु 24X7 कस्टमर केयर नंबर कि उपलब्धता करवानी होगी।
डायरेक्ट सेलिंग कंपनी अल्टोस इंटरप्राइजेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक गुप्ता ने माना कि इन नियमों से डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में पारदर्शिता लाने में मद्दद मिलेगी और सरकार को चाहिए कि वह इसे सख्ती से लागू करे। 24X7 कस्टमर केयर के होने से सभी डायरेक्ट सेलर्स को फायदा होगा।