सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज करा टीबी को दी मात, अब पूरी तरह स्वस्थ हो जी रहे हैं सामान्य जीवन
- गाँव की स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता के सहयोग से हुआ इलाज
- एक माह से अधिक दिनों तक सर्दी-खांसी और बुखार से रहा पीड़ित, जाँच में टीबी बीमारी होने का चला पता
खगड़िया-
खगड़िया के लालगाँव पंचायत के गोपीटोल निवासी छोटेलाल शर्मा को कुछ वर्ष पूर्व सर्दी-खांसी एवं बुखार हुआ। इसके बाद उन्होंने ग्रामीण चिकित्सक से अपना इलाज शुरू किया। किन्तु, इलाज के बाद भी जब परेशानी कम होने की बजाय बढ़ने लगी तो उन्होंने बेगूसराय स्थित निजी क्लीनिक में इलाज शुरू करवाया। यहाँ भी आराम नहीं होने पर चिकित्सकों ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी जाँच कराने की सलाह दी। जो सुनते ही छोटेलाल इस तरह डर गया मानों जिंदगी ही ठहर गई। किन्तु, कहा जाता है कि मरता क्या नहीं करता, इसी कहावत का सहारा लेकर पीड़ित छोटेलाल काफी निराश होकर घर आए। जहाँ किसी तरह हिम्मत कर अपने परिवार को जानकारी दी। किन्तु, उनके मन में तरह-तरह की चिंता सता रही थी। इसके बाद परिजनों ने गाँव के ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता मंजू देवी को मामले की जानकारी दी। जिसपर आशा ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा कि कोई बात नहीं है, डरने की कोई जरूरत नहीं है। अब इसका सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में समुचित जाँच एवं इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। इतना सुनते ही छोटेलाल के चेहरे से इस तरह मायूसी दूर हो गई मानों नई जिंदगी मिल गई। इसके बाद आशा के ही सहयोग से छोटेलाल का सदर अस्पताल खगड़िया में इलाज शुरू हुआ। छोटेलाल ना सिर्फ अब पूरी तरह स्वस्थ हैं , बल्कि सामान्य लोगों की तरह दैनिक कार्य भी कर रहे हैं।
- आशा के सहयोग से शुरू हुआ इलाज और मिला सरकारी लाभ :-
छोटेलाल शर्मा ने बताया कि मुझे तो जानकारी भी नहीं थी कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इस तरह की सुविधा मिलती है। किन्तु, आशा के माध्यम से मुझे जानकारी मिली और उनके ही देखरेख में मेरा समुचित इलाज हुआ। आशा मुझे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गई। जहाँ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जाँच की गयी । जिसमें मेरी टीबी पाॅजिटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने हमसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक लिया और मुझे दवाई दी। - समुचित इलाज के लिए दवाई की ली पूरी डोज :-
, छोटेलाल शर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल में दवाई मिलने के साथ मैं नियमित रूप से चिकित्सा परामर्श के अनुसार दवाई का सेवन करने लगा। जिसके दौरान मुझे दो-तीन माह में ही लगने लगा कि मैं पूरी तरह स्वस्थ हो चुका हूँ। किन्तु, मेरे मन को संतुष्टि नहीं हो रही थी। इसके बाद पुनः मैं आशा के साथ सदर अस्पताल गया । जहाँ फिर जाँच कराये तो अस्पताल कर्मियों ने बताया कि आप अब ठीक हैं । किन्तु, दवाई की डोज पूरी कर लें। इसके बाद मैंने छः माह तक दवाई की पूरी डोज ली और अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ। - इलाज के दौरान आर्थिक सहायता भी मिली :-
छोटेलाल ने बताया कि इलाज के दौरान मुझे छः माह तक पाँच सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से सहायता राशि भी मिली। यह सहायता राशि मुझे बैंक खाते के माध्यम से दी गई। साथ ही अस्पताल से सभी दवाई भी मुफ्त मिली और आशा से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों का भी काफी सहयोग मिला। - टीबी होने पर घबराएं नहीं, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित जाँच और इलाज की मुफ्त सुविधा :-
छोटेलाल ने कहा कि मैं अन्य लोगों से भी अपील करता हूँ कि टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी को भी को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है। - ये हैं टीबी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण :-
- 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना
- बलगम में खून आना
- एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना
- लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना
- इन मानकों का रखें ख्याल, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
- दो गज की शारीरिक दूरी का हमेशा रखें ख्याल।
- मास्क का नियमित रूप से करें उपयोग।
- साफ-सफाई का भी रखें विशेष ख्याल।
- बाहरी खाना खाने से करें परहेज।
- घर से बाहर निकलने पर निश्चित रूप से सैनिटाइजर का करें उपयोग।
- भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से करें परहेज।