राज्य

कालाजार से बचाव के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी

   –   लक्षण महसूस होने पर तुरंत जाँच कराएं और चिकित्सा परामर्श का पालन
   –   समय पर बीमारी की जानकारी मिलने पर आसानी के साथ दी जा सकती है मात
खगड़िया-
कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और इसे सुनिश्चित करने को लेकर लगातार हर जरूरी पहल भी की जा रही है। किन्तु, इसके साथ इस रोग से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक होने और सतर्क रहने की भी जरूरत है। लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार तमाम गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से लोगों को कालाजार के कारण, लक्षण, उपचार समेत इससे बचाव के उपाय की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि सामुदायिक स्तर लोग जागरूक हो सके और इस बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित हो सके। कालाजार पीड़ित मरीजों के लिए जिले में ना सिर्फ निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। बल्कि, ऐसे मरीजों को सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है।
– सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए सभी स्वास्थ्य स्थानों में लगाए गए हैं साउंड बाॅक्स :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में संचालित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर साउंड बाॅक्स लगाया गया। जिसके माध्यम से इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थान आने वाले सभी मरीजों को कालाजार के कारण, लक्षण, उपचार एवं इससे बचाव की जानकारी दी जा रही है। साथ ही लक्षण से पीड़ित व्यक्ति को कहाँ का इलाज कराना, ऐसे लोगों के लिए इलाज की क्या व्यवस्था है तमाम जानकारियाँ भी दी जा रही है। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं, उन्होंने कहा, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि जिन लोगों को लक्षण दिखे, वह तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य में जाँच कराएं। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच एवं समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक  छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें

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