news

कोरोना वैक्सीन के प्रति गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग को ले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी की गाइडलाइन

  • गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग के लिए वैक्सीनेटर के रूप में फ्रंटलाइन वर्कर को जारी किए गए दिशा- निर्देश
  • गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन के बारे में जागरूक करने के लिए प्रश्न- उत्तर के रूप में दिए गए हैं निर्देश

मुंगेर, 01 जुलाई-

कोरोना वैक्सीन के प्रति गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग को ले भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने एक गाइडलाइन जारी की है। वैक्सीनेटर के रूप में काम करने वाले फ्रंट लाइन वर्कर के लिए जारी किए गए दिशा- निर्देश में प्रश्न- उत्तर के रूप में वैक्सीन से जुड़ी जानकारी दी गई है| ताकि कोरोना वैक्सीन को ले फ्रंट लाइन वर्कर अच्छे तरीके से गर्भवती महिलाओं की कॉउंसलिंग कर सकें । इस दिशा- निर्देश के अनुसार वैक्सीनेटर के रूप में फ्रंट लाइन वर्कर के द्वारा गर्भवती महिलाओं और उसके परिवार वालों को वैक्सीन के महत्व, उसकी उपलब्धता और वैक्सीन के प्रति बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में अच्छे तरीके से सूचित और शिक्षित करना है ताकि वो वैक्सीन के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के बाद वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं।
फ्रंट लाइन वर्कर के लिए प्रश्न- उत्तर के रूप में जानकारी दी गई है
केयर इंडिया की डीटीओएफ डॉ. नीलू ने बताया कि वैक्सीनेटर के रूप में काम करने वाले फ्रंट लाइन वर्कर के लिए प्रश्न- उत्तर के रूप में जानकारी दी गई है | इसमें बताया गया कि किस प्रकार से गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना की वैक्सीन जरूरी और सुरक्षित है| ताकि फ्रंट लाइन वर्कर सही और पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन के प्रति ठीक ढंग से काउंसलिंग कर सकें । सही ढंग से काउंसलिंग के बाद ही गर्भवती महिलाएं वैक्सीनेशन के लिए आगे आ सकेंगी।
गर्भवती महिलाओं को कोरोना की वैक्सीन लेनी चाहिए-
उन्होंने बताया कि जारी किए गए दिशा- निर्देश के पहले प्रश्न में यह पूछा गया है कि गर्भवती महिलाओं को क्यों कोरोना की वैक्सीन दी जानी चाहिए ?
इसके जवाब में बताया गया है कि गर्भावस्था कोरोना संक्रमण के रिस्क को नहीं बढ़ाता है लेकिन यहां आवश्यक है पर्याप्त सावधानियां बरती जाएं| ताकि गर्भस्थ बच्चे और उसकी माता के स्वास्थ्य की अच्छी तरह से देखभाल हो सके। यहां यह सलाह दी गई है कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना की वैक्सीन लेनी चाहिए।

दूसरे प्रश्न में यह पूछा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे अधिक रिस्क किसको है ? इसके जवाब में बताया गया है कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक रिस्क वैसे लोगों को है जो हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर हैं या फिर वैसे लोग जो उस समुदाय में रह रहे हो जहां संक्रमण का मामला ज्यादा हो या फिर जहां लोग शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर भीड़- भाड़ वाले जगह पर रहते हों। तीसरे प्रश्न में यह पूछा गया है कि गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को कैसे कोरोना प्रभावित कर सकता है ? इसके जवाब में बताया गया है कि ज्यादातर लगभग 90 प्रतिशत प्रभावित महिलाएं बिना किसी अस्पताल में भर्ती हुए रिकवर हो गई ।

अगले सवाल में यह पूछा गया है कि गर्भवती महिलाओं के बच्चे को कोरोना संक्रमण कैसे प्रभावित कर सकता है ? इसके जवाब में बताया गया कि ज्यादातर लगभग 95 प्रतिशत मामले में कोरोना संक्रमित मां का नवजात बच्चा जन्म के समय बिल्कुल स्वस्थ जन्म लिया । कुछ मामलों में कोरोना संक्रमित माताओं के निर्धारित समय से पहले डिलीवरी होने पर बच्चे का वजन 2.5 किलो से कम पाया गया। बहुत ही काम मामलों में ऐसा मिला कि बच्चे की मौत उसके जन्म से पहले हुई हो।

अगले प्रश्न में यह पूछा गया है कि किस गर्भवती महिला में कोरोना संक्रमण के बाद जटिलता की संभावना ज्यादा होती है ? इसके जवाब में बताया गया कि 35 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिला के अलावा पहले से जिसमें बीमारी, डायबिटीज या हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या हो या फिर जिस गर्भवती महिला के लिम्बस में क्लोटिंग की समस्या हो।
बच्चे के जन्म के कुछ दिनों के बाद वैक्सीन ले सकती हैं-
उन्होंने बताया कि अगले सवाल में यह पूछा गया कि जो गर्भवती महिला पहले से कोरोना संक्रमित हो तो वो कब वैक्सीन ले सकती है ? इसके जवाब में बताया गया कि ऐसी गर्भवती महिलाएं जो वर्तमान में कोरोना संक्रमित है वो बच्चे के जन्म के कुछ दिनों के बाद वैक्सीन ले सकती हैं।

अगले सवाल में पूछा गया कि कोरोना का टीका लेने के बाद गर्भवती महिला और उसके गर्भ को कोई हानि हो सकती है? इसके जवाब में बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरीके से सुरक्षित है। कोरोना टीकाकरण के बाद गर्भवती महिला उसके गर्भस्थ बच्चे को कोई खतरा नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *