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कोविड के मुश्किल भरे दौर में 40 हजार से अधिक लोगों की ट्रूनेट मशीन से की कोरोना जाँच

– सदर अस्पताल बाँका के लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार ज्योति ने की जाँच
– तमाम चुनौतियों के बाबजूद पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्य पथ पर डटा रहा अवधेश
बांका , 08 जून-
सामुदायिक स्तर पर समुचित और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाना तो पहले से ही स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। किन्तु,  वर्ष 2020 में एकाएक आए कोविड संक्रमण की लहर ने तो स्वास्थ्य कर्मियों की चुनौती को और दुगुनी कर दी। हालाँकि, तमाम चुनौतियों के बावजूद जिले के तमाम स्वास्थ्य कर्मी पूरी ताकत के साथ अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे । इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को तरह-तरह की चुनौती और परेशानी का भी सामना करना पड़ा। किन्तु, चुनौती और परेशानी को जीवन का सबसे बेहतर अवसर समझकर तमाम जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाते रहे। कोविड संक्रमण का दौर शुरू होने के बाद जब पूरी दुनिया  विपरित दौर से गुजर रहा था। लोग अपनों से भी दूरी बनाने लगे थे, घर से बाहर निकलना तो दूर, झाँकना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे। ऐसे मुश्किल भरे दौर में भी जिले के तमाम स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे और लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में अग्रसर रहे। ऐसे ही स्वास्थ्य कर्मियों में सदर अस्पताल बाँका के लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार ज्योति का नाम पूरे जिले में शुमार है। अवधेश खुद की  परवाह किए  ब गैर अपनी जिम्मेदारी पर पूरी ताकत से डटे रहे और कोविड के मुश्किल भरे दौर में 40 हजार से अधिक लोगों की  ट्रूनेट मशीन से कोरोना जाँच करने में सफल रहे।
– जाँच के साथ कोविड से बचाव के लिए भी लोगों को करते रहे जागरूक :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया, सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार ज्योति हमेशा अपने कार्य के प्रति संकल्पित रहते हैं। वह कोविड के मुश्किल भरे दौर में ना केवल 40 हजार से अधिक लोगों की  कोरोना जाँच करने में सफल रहे। बल्कि,  लोगों को कोविड से बचाव के लिए जागरूक भी करते रहे। इस दौरान उन्होंने लोगों को मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का पालन, साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने, नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोने समेत विभाग द्वारा जारी अन्य गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रेरित करते रहे। साथ जाँच कराने के लिए अस्पताल आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इस बात का भी विशेष ख्याल रखा।
– वक्त जरूर मुश्किल से भरा था, पर मेरी जिम्मेदारी उससे भी बड़ी थी :
लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार ज्योति ने बताया, निश्चित रूप से पूरे समाज के लिए वह वक्त और दौर मुश्किल भरा था । उसी तरह मेरे लिए भी मुश्किल से भरा था। किन्तु, उससे भी बड़ी जिम्मेदारी थी। इसलिए, मैं  सकारात्मक सोच और उम्मीद के साथ अपने कर्तव्य पथ पर कभी खुद की  परवाह नहीं की  और मानव सेवा ही सर्वोच्च धर्म है, इसे हथियार बनाकर अपनी जिम्मेदारी पर पूरी मुस्तैदी के साथ डटा रहा।

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