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गर्मी के मौसम में होने वाले चेचक बीमारी के लक्षणों की पहचान जरूरी

– चेचक से ग्रसित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना है आवश्यक
– सरकारी अस्पतालों में है चेचक के इलाज की समुचित व्यवस्था
मुंगेर, 29 अप्रैल। गर्मियों के मौसम में होने वाली कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं जिनके होने से लोग घबरा जाते हैं। चेचक एक ऐसी ही बीमारी है जिसका ज्यादातर संक्रमण बच्चों के शरीर पर देखने को मिलता है । यह बीमारी वारिसेला- जोस्टर नामक वायरस के संक्रमण से होता है। यह बीमारी होने के बाद समय पर चिकित्सीय प्रबंधन नहीं होने की स्थिति में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है ।
चेचक के लक्षणों की पहचान जरूरी :
मुंगेर के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि चेचक की बीमारी को चिकनपॉक्स के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी दो तरह की होती हैं। पहली छोटी माता यानी छोटी चेचक और दूसरी बड़ी माता यानी बड़ी चेचक। इस बीमारी में शरीर के ऊपर लाल रंग के दाने निकल आते हैं, जिनमें खुजली और दर्द दोनों होता। इसके अलावा इस बीमारी में व्यक्ति को बुखार भी आता है। इसके साथ ही कमजोरी , शरीर में दर्द होना और कुछ भी अच्छा ना लगना जैसी कई अन्य चीजें भी होती हैं। इन दोनों ही स्थिति में शरीर के ऊपर दाने निकलते हैं। लेकिन दोनों में अंतर ये है कि जहां बड़ी चेचक में बड़े दाने, तो वहीं छोटी चेचक में छोटे दाने निकलते हैं। इसी से इसे पहचाना जा सकता है। इसके अलावा छोटी चेचक के समय उसके होने वाले दाने छोटे होते हैं जो कि बीच में से फटते नहीं हैं, बल्कि सीधे सूख जाते हैं। अमूमन छोटी चेचक बच्चों को होती है। वहीं, बड़ी चेचक के समय शरीर पर बड़े दाने होते हैं। ये बीच में से फट जाते और फिर सूखकर इनकी पपड़ी उतर जाती है।
चेचक के उपचार :
उन्होंने बताया कि चेचक की बीमारी में अस्पताल में दवाएं व इलाज उपलब्ध है। डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साफ सफाई के साथ कई घरेलू उपचार करके भी इससे बचा जा सकता है। इसमें नीम को बड़ा असरदार माना गया है। नीम को नहाने वाले पानी में डालकर उबाल लें, और फिर इस पानी से रोगी को नहलाएं। ऐसा करना चेचक की बीमारी में काफी लाभदायक होता है ।
नियमित रूप से साफ सफ़ाई का रखें खयाल :
इस दौरान साफ- सफाई का पूरा ध्यान रखते हुए उन्होंने घर के आसपास कूड़े करकट के ढ़ेर न लगने देने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को गन्दे व बीमार पशुओं से दूर रखने और उन्हें सन्तुलित आहार देने की बात कही। उन्होंने बताया कि इन वस्तुओं के संपर्क में आने से भी चेचक फैल सकता है जो वायरस से दूषित हो गए हैं। अतः संक्रमित बच्चों के खिलौने, बिस्तर या कपड़े जो आपके घर में है उस वस्तु  को कीटाणुनाशक से साफ करके चेचक को फैलने से रोक सकते हैं।
निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
– नाखूनों को छोटा और साफ रखें
– इसे खरोंचने के बजाय त्वचा को सहलायें या थपथपाएं
– रात में सूती दस्ताने पहनें
– ठन्डे या गुनगुने पानी में स्नान करें ।
– ढीले, चिकने सूती कपड़े पहनें।

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