newsराज्य

थप्पड़ लगवाने के मामले में बीएसए ने स्कूल की मान्यता को रद्द कर दिया

बिना मान्यता चल रहा था  पब्लिक स्कूल

छात्र को सहपाठियों से थप्पड़ लगवाने के कारण सुर्खियों में आया नेहा पब्लिक स्कूल बंद होगा। स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को दूसरे विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं, प्रकरण में प्रसारित वीडियो की पुलिस छानबीन करेगी। घटनाक्रम को लेकर छात्र की मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है। स्वजन ने मेरठ के एक निजी चिकित्सक से उसका उपचार कराया है।

तृप्ता त्यागी ने सहपाठियों से लगवाए थे मुस्लिम छात्र को थप्पड़

नेहा पब्लिक स्कूल में दिव्यांग शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने मुस्लिम छात्र को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए थे। इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया गया था। इससे राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के अलावा विभिन्न संस्थाओं, लोगों ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। अगले दिन शिक्षिका के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की गई। जांच में पता चला था कि थप्पड़ मारने वाले चार छात्रों में दो मुस्लिम हैं।

रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना जारी

सीओ डा. रवि शंकर ने बताया कि छात्र को थप्पड़ मारने, अभद्र टिप्पणी करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज है। इसकी विवेचना जारी रहेगी। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किए गए वीडियो को भी जांच में शामिल किया गया है। इसके लिए संबंधित युवक के मोबाइल की भी पड़ताल की जा रही है। समझौता किए जाने की बात सामने आई है, लेकिन पुलिस को कोई लिखित में जानकारी नहीं दी गई है।

बिना मान्यता के चल रहा था स्कूल

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि स्कूल की जांच-पड़ताल की गई है। बिना मान्यता के स्कूल को घर में संचालित किया जा रहा था। 15 दिन में स्कूल को बंद कराया जाएगा। यहां पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को आसपास के विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया जल्द आरंभ होगी।

पिता बोले, गांव में आपसी भाईचारा और सौहार्दपूर्ण माहौल

पीड़ित छात्र के पिता इरशाद ने बताया कि पूरे प्रकरण को लेकर छात्र की मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है। शनिवार रात वह ठीक से सो नहीं पाया। उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई है। स्वजन उसे उपचार कराने मेरठ ले गए, जहां निजी चिकित्सक से उसका उपचार कराया गया। बताया कि वह छात्र का एडमिशन अपनी हैसियत के अनुसार किसी अच्छे स्कूल में कराएंगे। गांव में आपसी भाईचारा और सौहार्दपूर्ण माहौल है।

मुझे नहीं पता किसने प्रसारित की वीडियो− नदीम

स्कूल में वीडियो बनाने वाले पीड़ित छात्र के चाचा नदीम का कहना है कि उसने शिक्षिका की बिना जानकारी के वीडियो बनाई थी। उसे नहीं पता कि किसने वीडियो प्रसारित की। नदीम से जब यह पूछा गया कि उसने बच्चे की पिटाई का विरोध क्यों नहीं किया? या बच्चे को बचाने के बजाय वीडियो क्यों बनाई? इस पर उसका कहना है कि स्कूलों में अक्सर शिक्षक बच्चों को सहपाठियों से चांटे लगवाते हैं, शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने भी कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की थी, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों। नदीम का कहना है कि किसी ने उसकी बिना जानकारी के उसके मोबाइल से वीडियो लेकर प्रसारित कर दी है।

देश में नफरत की जड़ें हो चुकी हैं गहरी अरशद मदनी

देवबंद−सहारनपुर। दारुल उलूम के सदर मुदर्रिस एवं जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुजफ्फरनगर के स्कूल प्रकरण पर कड़ा रोष जताया है। मदनी ने कहा कि देश में नफरत की जड़ें गहरी व मजबूत हो चुकी हैं। महिला शिक्षिका की सोच से दुनिया भर में देश का सिर झुका है।

मौलाना अरशद ने जारी बयान में कहा कि स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। यह वह जगह होती है, जहां देश का भाग्य लिखा जाता है। अफसोस की बात है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की आबो हवा में नफरत का जो जहर घोला जा रहा था, वह अब सिर चढ़कर बोलने लगा है। स्कूल भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। कहा कि शिक्षक मां-बाप का स्थान रखते हैं। एक शिक्षक द्वारा दिल में नफरत रखते हुए मासूम बच्चे को सजा देना सिर्फ और सिर्फ जुल्म है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *