राज्य

बाढ़ में नाव पर सवार होकर ग्रामीणों को पहुंचाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाएं

-खरीक के बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों की नियमित तौर पर हो रही स्वास्थ्य जांच
-लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए किया जा रहा जागरूक

भागलपुर, 21 अगस्त-

जिले में बाढ़ का प्रकोप है। गंगा और कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी से सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी है। इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। नाव पर सवार होकर स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। खरीक प्रखंड की लोकमानपुर पंचायत पूरी तरह से जलमग्न है। पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों के लोग छत या फिर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। स्वास्थ्यकर्मी नाव से गांव-गांव घूमकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं।
खरीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. नीरज कुमार सिंह ने बताया कि क्षेत्र के कई गांव बाढ़ में डूब गए हैं। लोग ऊंचे स्थानों पर जैसे-तैसे रह रहे हैं। ऐसे में बीमारियों का खतरा भी रहता है। इसलिए लोगों की नियमित स्वास्थ्य जांच बहुत जरूरी है। नियमित तौर पर अगर जांच होती रहेगी तो लोग स्वस्थ रहेंगे। अगर लोग स्वस्थ रहेंगे तो बाढ़ की चुनौतियों का भी डटकर सामना कर सकेंगे। यही कारण है कि हमलोगों ने पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को बहाल रखी है।
बाढ़ पीड़ितों को कोरोना का टीका भी दिया जा रहाः
डॉ. सिंह ने कहा कि बाढ़ आने के बावजूद क्षेत्र में कोरोना टीकाकरण अभियान पर असर नहीं पड़ने दिया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी नाव पर सवार होकर बाढ़ पीड़ितों का टीकाकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांव के कई लोग टीका का पहला डोज ले चुके थे। उनके दूसरा डोज लेने का समय पूरा हो रहा था। ऐसे में टीकाकरण अभियान को जारी रखना बहुत जरूरी था। यही कारण है कि स्वास्थ्यकर्मी दिन रात एककर लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं।
कोरोना के प्रति जागरूक भी किया जा रहाः
डॉ. सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में देखा जा रहा है कि लोग एक ही जगह पर एकत्रित हो जा रहे हैं। हालांकि ऐसा वह मजबूरी में कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दो गज की दूरी बनाकर रहने के लिए कहा जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी बाढ़ पीड़ितों की कोरोना जांच तो कर ही रहे हैं। साथ में लोगों से मास्क पहनने और साफ-सफाई के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील भी कर रहे हैं। इस भीड़ में अगर कोई कोरोना पीड़ित निकल गया तो उससे दूसरों में संक्रमण हो सकता है। इसलिए कोरोना जांच बहुत जरूरी है।
बच्चों को दिया जा रहा पोषणयुक्त लड्डूः
सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी ही नहीं, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और सहायिका भी बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर बच्चों को पोषणयुक्त लड्डू बांट रही हैं। बच्चों के लिए दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके साथ-साथ गर्भवती और धात्री महिलाओं को सही पोषण को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है। इसे लेकर गर्भवती औऱ धात्री महिलाओं को बाढ़ आने से पहले ही चिह्नित कर लिया गया था।

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