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बेगूसराय जिले में परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने को प्रखण्डों में आयोजित किए जा रहे हैं पिता सम्मेलन

-परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने को केयर इंडिया के सहयोग से जिलेभर में चल रहे हैं विभिन्न कार्यक्रम

  • कुल प्रजनन दर को 3 से नीचे लाने के उद्देश्य से आरोग्य दिवस के दिन विभिन्न प्रखण्डों में आयोजित किए जा रहे हैं सास – बहू – बेटी सम्मेलन

बेगूसराय, 10 फरवरी| राज्य सरकार द्वारा जनवरी से मार्च महीने तक लगभग सभी जिलों में चलाए जा रहे मिशन परिवार विकास और संचार अभियान के साथ ही केयर इंडिया, विभिन्न जिलों में “परिवार नियोजन सुरक्षित है” के नाम से जागरूकता अभियान चला रहा है। इस उद्देश्य के तहत केयर इंडिया के सहयोग से जिले भर में ई. रिक्शा के माध्यम से जागरूकता रथ निकाला जा रहा है। यह जागरूकता रथ आरोग्य दिवस के दिन विभिन्न प्रखण्डों के आगनबाड़ी केंद्रों पर माइकिंग के जरिये लोगों को परिवार नियोजन के महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूक कर रही है।
पिता सम्मेलन आयोजित कर परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा-
जिले के डीटीएल केयर गौरव गुंजन ने बताया कि परिवार नियोजन के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से केयर इंडिया के द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे समाज में अभी परिवार नियोजन के प्रति सारी जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर ही डाल दी जाती है। महिलाएं ही बंध्याकरण के ऑपरेशन के रूप में परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाती है। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई उपाय के रूप में नसबंदी का ऑपरेशन करवाने और अस्थाई उपाय के रूप में कंडोम का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए कम से कम एक बच्चे और एक से अधिक बच्चों के साथ पिता के साथ पिता सम्मेलन आयोजित कर उन्हें परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कुल प्रजनन दर तीन से कम करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है सास- बहू- बेटी सम्मेलन :
उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत से अधिक मामलों केस में ऐसा देखा जाता है कि पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण का ऑपरेशन तीन या तीन से अधिक बच्चे के जन्म लेने के बाद ही कराया जाता है। इसलिए कुल प्रजनन दर को दो तक लाने के उद्देश्य से एक और एक से अधिक बच्चों के माता- पिता के बीच संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है| ताकि दोनों लोग आपसी सहमति से परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल कर अपने परिवार को नियोजित कर सकें। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य के तहत जिले के विभिन्न प्रखण्डों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिवस के दिन सास- बहू- बेटी सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसी दिन ई. रिक्शा के माध्यम से माइकिंग कर लोगों को परिवार नियोजन के महत्व और जरूरत के साथ ही परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

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