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मायागंज अस्पताल की इमरजेंसी शुरू होने से सामान्य मरीजों को राहत

कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने लिया फैसला
मायागंज अस्पताल की इमरजेंसी शुरू हो जाने से बड़ी संख्या में मरीजों को मिली राहत

भागलपुर, 7 जून-

मायागंज अस्पताल की इमरजेंसी में अब सामान्य मरीजों का भी इलाज शुरू हो गया है| इससे गैर कोरोना गंभीर मरीजों को बहुत राहत मिली है| पिछले दो दिनों में दर्जनों गैरकोरोना मरीजों का इलाज हुआ है| मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो जाने के बाद मायागंज अस्पताल को पूरी तरह से कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था| सामान्य मरीजों के लिए सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रण में आ जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने फिर से इमरजेंसी में गैरकोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है|

कोरोना मरीजों का इलाज आइसोलेशन वार्ड में होगा:
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अब जो कोरोना मरीज आएंगे, उनका इलाज आइसोलेशन वार्ड में किया जाएगा| वहां भर्ती होने के बाद कोरोना मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा| अस्पताल की इमरजेंसी में अब गैरकोरोना सामान्य मरीजों का इलाज शुरू हो गया है|

इमरजेंसी में बंद पड़ा शिशु वार्ड भी होगा शुरू:
मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में बंद शिशु वार्ड को भी फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है| अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने बताया कि पीजी शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा के साथ हुई बैठक में इसे फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है| अभी इसे चेंजिंग रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है| शिशु विभाग के नीकू वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए पहले की तरह ही ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन के जरिए बहाल होगा| विभाग के जिन ट्रॉलीमैन और नर्स की ड्यूटी लगी थी, उसे वापस उसी विभाग में लाया जाएगा|

बिहार और झारखंड के 15 जिलों के मरीज आते हैं इलाज कराने के लिए:
मालूम हो कि मायागंज अस्पताल पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है| यहां पर आसपास के जिलों समेत कोसी सीमांचल से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं| इसके अलावा झारखंड के गोड्डा, साहिबगंज और दुमका जिले से भी बड़ी संख्या में गंभीर मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं| इमरजेंसी शुरू हो जाने से उन लोगों को बहुत राहत मिली है|

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है मायागंज अस्पताल:
अस्पताल में मरीजों का इलाज अत्याधुनिक तरीके से किया जाता है| यहां पर गंभीर से गंभीर मरीजों का इलाज करने के लिए डॉक्टर मौजूद मौजूद हैं| बच्चों से लेकर बड़ों और महिलाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पताल में कार्यरत हैं, जिनसे इलाज करवाने के लिए दूर-दूर से गंभीर मरीज आते हैं| अभी कोरोना काल में उन्हें इलाज कराने के लिए बाहर जाना पड़ता था या फिर निजी अस्पतालों में बहुत ज्यादा पैसे खर्च खर्च करने पड़ते थे|

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