राज्य

समाहरणालय परिसर में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया गया, डीएम ने किया उद्घाटन

गर्भवती-धातृ महिलाओं व किशोरियों की खून जांच, बच्चों का वजन लिया गया।
महिलाओं की जांच और बच्चों के वजन के बाद सभी को दिया गया उचित परामर्श
भागलपुर, 2 अप्रैल
राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत शनिवार को समाहरणालय परिसर में पोषण पखवाड़ा अंतर्गत विभिन्न स्टॉल लगाया गया एवं जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। मेला में कई तरह के स्टॉल लगाए गए थे। जैसे गर्भवती, धात्री एवं किशोरियों के खून की जांच के लिए अनीमिया स्टॉल, जीरो से छः वर्ष के बच्चों के वृद्धि निगरानी के लिए  वृद्धि स्टॉल, जल संचय में महिलाओं की भूमिका के लिए स्टॉल,आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर से क्राफ्ट, पेंटिंग व खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाए गए थे। जिलाधिकारी ने स्टॉल का निरीक्षण किया और आंगनवाड़ी सेविका के बनाए गए विभिन्न उत्पादों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने लड्डू, रसिया, क्राफ्ट, पेंटिंग सहित अन्य चीजों के बारे में मौके पर मौजूद आंगनबाड़ी सेविकाओं से जानकारी ली। 
एनीमिया के स्टॉल पर गर्भवती व धातृ महिलाओं और किशोरियों के खून की जांच की गई। जांच में जो एनीमिक थी, उसे उचित खान-पान का परामर्श दिया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयरन की गोली दी गई। इसी तरह वृद्धि निगरानी स्टॉल पर छह साल तक के बच्चों के वजन और ऊंचाई की जांच की गई। इसमें डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार जो बच्चे स्वस्थ थे, उसे डीपीओ द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया। साथ ही जो कुपोषित थे उसे पोषण पुनर्वास केंद्र जाने की सलाह दी गई। वहीं जल संरक्षण में महिलाओं की भूमिका स्टॉल के अंतर्गत सेविकाओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र का मॉडल तैयार किया गया था। इसमें जल संचय की विधि को दर्शाया गया था। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा भी जल संचय के बारे में बताया गया। खाद्य पदार्थों की प्रदर्शनी स्टॉल पर अलग-अलग सेविकाओं द्वारा क्षेत्रीय खाद्य पदार्थों का उपयोग करते हुए स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर उसका प्रदर्शन किया गया था। वहीं आईसीडीएस सर्विसेज स्टॉल के तहत अन्नप्राशन औऱ गोदभराई का आयोजन किया गया। 
पोषण के पांच सूत्रीय मंत्र की दी गई जानकारीः आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) सीलिमा कुमारी ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत आज का आयोजन किया गया, जिसमें गर्भवती और धातृ महिलाओं को पोषण के पांच सूत्रीय मंत्र के बारे में जानकारी दी गई। इसके तहत एक हजार दिन एनीमिया, डायरिया से बचाव, स्वच्छता, हाथों की सफाई और पौष्टिक आहार के बारे में उन्हें बताया गया। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच और छह वर्ष तक के बच्चों का वजन लेने का काम भी किया गया। जरूरत के अनुसार आवश्यक परामर्श भी दिया गया। महिलाओं को उचित पोषण के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। महिलाओं को समय पर खाना खाएं, स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, पुराने ख्यालात से बाहर आकर खुद के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही खुद के साथ छोटे-छोटे बच्चों के खान-पान के प्रति सजग रहने के लिए कहा जा रहा है।
प्रखंडों में भी लगाए जाएंगे स्टॉलः आईसीडीएस के जिला समन्वयक अरविंद पांडेय ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत सभी प्रखंडों में भी स्टॉल लगाए जाएंगे। वहां पर आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका द्वारा स्टॉल लगाया जाएगा। इसके साथ-साथ सभी स्कूलों में किशोर-किशोरियों के साथ पोषण पर चर्चा, सभी प्रखंड मुख्यालयों पर बीसी बीपीए की बैठक, प्रखंड और जिला मुख्यालय पर पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना, सोशल मास मीडिया के माध्यम से प्रचार- प्रसार करने का काम किया जा रहा है। कजरैली के तेतरहाट स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका रंजना कुमारी ने बताया कि हमलोगों ने स्टॉल पर आने वाली महिलाओं को उचित पोषण के बारे में बताया। गर्भवती और धातृ महिलाओं की जांच की और बच्चों का वजन किया।

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