राज्य

सरकारी सुविधाएं मिलीं तो टीबी को मात देकर हो गए स्वस्थ्य 

-शंभूगंज प्रखंड के तेलडीहा गांव के रहने वाले अटल झा ने दी टीबी को मात
-अब दूसरे लोगों को भी टीबी बीमारी से लड़ने को लेकर कर रहे हैं जागरूक
बांका, 27 अप्रैल-
जिले के शंभूगंज प्रखंड के तेलडीहा गांव के रहने वाले अटल झा टीबी की चपेट में आ गए थे। शुरुआत में तो वह काफी घबरा गए थे। उनके मन में काफी झिझक हो रही थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बारे में पता लगाना शुरू किया। जब एक दिन उन्हें यह जानकारी मिली टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है और सरकार की तरफ से बिल्कुल ही मुफ्त में इसका इलाज होता है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जांच कराने के लिए गए, जहां उन्हें टीबी होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उनका इलाज शुरू हुआ। सरकार की तरफ से मुफ्त में दवा उन्हें दी गई। बीच-बीच में जांच कराते रहे, जिसमें उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार होता रहा। आखिरकार एक दिन वह स्वस्थ्य हो गए। अब तो वह दूसरे लोगों को भी टीबी से लड़ने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
टीबी को मात देने के लिए जागरूकता बहुत जरूरीः अटल झा कहते हैं कि टीबी को मात देने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। लोगों में इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है कि इसका इलाज संभव है। साथ ही सरकार की तरफ से इसके इलाज की सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। लोगों को जब यह जानकारी रहेगी तो वह टीबी के मरीजों से भेदभाव भी नहीं करेंगे। शुरुआत में मुझे भी इस बात की जानकारी नहीं थी, लेकिन जब मुझे पता चला तो मैंने इलाज करवाया। इसका परिणाम यह है कि आज मैं स्वस्थ्य हूं। इसलिए सरकार की तरफ से तो लोगों को जागरूक किया ही जा रहा है, आमलोगों को भी इसमें अपनी भूमिका निभानी चाहिए। लोगों को जागरूक करना चाहिए। अगर कोई टीबी का मरीज मिलता है तो उससे घृणा करने की बजाय उसे अस्पताल भेजना चाहिए और उसका इलाज करवाना चाहिए। सरकार के साथ अगर आमलोग भी अपनी भूमिका निभाएंगे तो बांका जिला 2025 तक जरूर टीबी से मुक्त हो जाएगा।
टीबी को खत्म करने के लिए युद्धस्तर पर चल रहा अभियानः सीडीओ डॉ उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि 2025 तक जिले को टीबी से मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अब तो टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। साथ में जो टीबी मरीज को इलाज करवाने के लिए लाते हैं और जांच में टीबी की पुष्टि हो जाती है तो उन्हें भी राशि दी जाती है। सरकार की तरफ से टीबी को खत्म करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चल रहा है। अच्छी बात यह है कि इसमें अब आमलोग भी सहयोग कर रहे हैं। इसका अच्छा परिणाम भी मिल रहा है। टीबी के खात्मे में जनसहयोग का काफी सहयोग मिल रहा है। यानी कि टीबी को खत्म करने के लिए दोतरफा अभियान चल रहा है। एक तरफ सरकार की ओर से चल रहा है तो दूसरी तरफ आमलोग भी इसमें भागीदारी कर रहे हैं।

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